राष्ट्रीय महिला आयोग ने महाराष्ट्र में लव जिहाद के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जाहिर की है। जिसके परिणामस्वरूप आयोग की अध्यक्षा रेखा शर्मा ने महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी के साथ मुलाकात की।
इस मुलाकात के दौरान आयोग की अध्यक्षा ने राज्य में महिला सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें COVID केंद्रों में महिलाओं के बलात्कार और उनसे छेड़छाड़ सहित लव जिहाद मामलों में वृद्धि शामिल हैं।
लवजिहाद के ज्वलंत मुद्दों पर VHP ने जारी की थी सूची:
विहिप ने देश में बढ़ते लवजिहाद को लेकर प्रेस रिलीज जारी कर बकायदा इसके लिए कानून बनाने की माँग की थी। “विहिप के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र जैन ने कहा कि पिछले दिनों में तो इन घटनाओं में झड़ी सी लग गई है। लखनऊ में एक पीड़ित महिला द्वारा आत्मदाह कर अपने प्राणों की बलि देना हो या सोनभद्र में पीड़िता का सिर कटा मिलना हो। पिछले आठ-दस दिनों में बड़ी संख्या में यह घटनाएं सामने आ रही हैं जो किसी पत्थर दिल व्यक्ति का दिल दहलाने के लिए भी पर्याप्त हैं। केरल से लेकर जम्मू कश्मीर और लद्दाख तक इन षड्यंत्रकारियों का एक जाल बिछा हुआ है। गैर मुस्लिम लड़कियों को योजनाबद्ध तरीके से धोखे से अपने जाल में फंसा लेना किसी सभ्य समाज का चिंतन नहीं हो सकता है। यह केवल जनसंख्या बढ़ाने का भोंडा तरीका ही नहीं बल्कि आतंकवाद का एक प्रकार भी है।
केरल उच्च न्यायालय ने इसे धर्मांतरण का सबसे घिनौना तरीका बता कर ही इसे लवजिहाद का नाम दिया था। विश्व हिंदू परिषद ने संज्ञान में आए इस प्रकार की सूची 170 मामलों की सूची बनाई है। जो पिछले आठ दस सालों से संबंधित हैं। इस सूची को इस विज्ञप्ति के साथ जारी किया जा रहा है।
एक अनुमान के अनुसार प्रतिवर्ष 20,000 से अधिक गैर मुस्लिम लड़कियां इस षड्यंत्र का शिकार बन जाती हैं। जिहादियों के अनुसार जाल में फंसने के बाद इन लड़कियों की जिंदगी जीने को मजबूर किया जाता है। वेश्यावृत्ति व उन्हें बेंच देने की घटनाओं के अलावा पूरे परिवार के पुरुष व मित्रों द्वारा जबरन यौन शोषण की घटनाएं भी समाचार पत्रों में आती रहती हैं। जब इन यात्राओं की अति हो जाती है तो यह लड़कियां आत्महत्या के लिए विवश हो जाती हैं। परंतु पुलिस में शिकायत करने का बहुत कम लड़कियों को मिल पाता है।
एक न्यायालय ने तो अपनी टिप्पणी में पूछा था कि लवजिहाद की शिकार लड़कियां गायब क्यों हो जाती हैं। लवजिहाद से संपूर्ण मानवता त्रस्त है। कहीं इसे रोमियो जिहाद तो कहीं इसे पाकिस्तानी सेक्स गैंग के नाम से संबोधित किया जाता है। मुस्लिम देशों में तो गैर मुस्लिम महिलाओं को यौन दासी कहा ही जाता है। बाकी देशों में इसे माले गनीमत समझ कर कामुकता का शिकार बनाने की कोशिश की जाती है। अब दुनिया के कई देश इस से त्रस्त होकर आवाज उठाने लगे हैं। म्यांमार की घटनाओं के मूल में भी लवजिहाद ही है। श्रीलंका में 10 दिन का आंतरिक आपातकाल लगाकर वहां के समाज का आक्रोश शान्त करना पड़ा था। जब स्वभाव से शांत बौद्ध समाज का आक्रोश यह रूप धारण कर सकता है तो बाकी समाज का आक्रोश कैसा होगा ?इसको ध्यान रखकर अब लव जिहाद के इरादे बदल देने चाहिए।
लवजिहाद की फंडिंग के मामले सामने आ रहे हैं, PFI, SIMI, ISI जैसी संस्थाएं इनके पीछे हैं। इसलिए कहीं भी मामला बढ़ने पर बड़े वकील खड़े हो जाते हैं जिनको लाखों करोड़ों रुपए फीस रूप में दिए जाते हैं।केरल की हादिया का उच्च न्यायालय में एक बड़े वकील द्वारा का उदाहरण सबके सामने है। कई मामलों में तो पकड़े गए जिहादियों ने स्पष्ट किया कि उन्हें इस काम के लिए मौलवी पैसे भी दिए हैं।
वोट बैंक या अन्य निहित स्वार्थों के कारण आज भारत में सेकुलर बिरादरी हिंदुओं और देश के भविष्य की चिंता किए बिना इन जिहादियों का समर्थन करती है। लखनऊ में आत्मदाह करने वाली पीड़िता को एक कांग्रेसी नेता ने हीं राजनीतिक लाभ लेने के लिए उकसाया था। आज भारत में भी गैर मुस्लिम समाज आक्रोशित है।
विहिप ने इस अपवित्र गठबंधन को चेतावनी देते हुए कहा हैं कि इनको समाज के आक्रोश से डरना चाहिए और इस घृणित कृत्य को तुरंत बंद कर देना चाहिए। सभी राज्य सरकारें समय समय पर चिंता व्यक्त करती रही हैं। विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री भी समय-समय पर इस संबंध में अपनी चिंता व्यक्त करते रहे हैं। VHP मांग करती है कि इस मामले की भीषणता को समझते हुए केंद्र और राज्य सरकार लवजिहाद रोकने के लिए सख्त कानून बनाएं।”