भोपाल: मध्य प्रदेश के सीधी जिले में आठवीं में पढ़ने वाले छात्र ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। हालांकि बच्चे की आत्म हत्या पर कुछ राजनीतिक दल अपनी रोटियां सेकने लगे और इस जातिगत उत्पीड़न का मामला बता दिया। समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल ट्विटर हैंडल ने इसे जातिगत मामला बता दिया। SP के इस हैंडल की और से लिखा गया कि “स्कूल में जातीय भेदभाव और अपमानजनक टिप्पणियों से आहत होकर एक बच्चे ने आत्महत्या कर ली , क्या यही दलितों पिछड़ों का सम्मान और जातीय भेदभाव को दूर किया है भाजपा ने ? भाजपा के सत्ता में आने के बाद ऐसी घटनाओं में वृद्धि हुई है ,भाजपा का दलित पिछड़ा विरोधी चेहरा सार्वजनिक है !”
सच्चाई से कोसो दूर
जब हमारी टीम ने समाजवादी पार्टी के दावों की पड़ताल की तो हमें कुछ और ही प्राप्त हुआ। दरअसल अमित प्रजापति नवोदय स्कूल चुरहट में 8वीं का छात्र था।उसने कक्षा के एक अन्य बच्चे का कोई सामान चुरा लिया था। इसकी शिकायत छात्र ने शिक्षक से कर दी।शिक्षक ने जब उसकी जांच की, तो सामान उसके पास मिला,19 दिसंबर को शिक्षक ने कक्षा में दूसरे बच्चों के सामने अमित को डांट लगाई थी। इस मामले में बच्चे का सुसाइड लेटर भी सामने आया है जिसमें बच्चे ने जातिगत उत्पीड़न की कोई बात नहीं लिखी। उसने लिखा कि उसने ये कदम इसलिए उठाया कि मैं बहुत गंदा हो चुका था और अपनी गंदी आदतों को नहीं छुड़ा पाया।
टीचर ने चोरी पकड़े जाने पर अमित को लगाई थी फटकार
हालांकि इस बारे में आरोपी टीचर अजीत पांडे का कहना है बच्चे को 19 दिसंबर को चोरी के आरोप में पकड़ा था। उस पर आरोप था कि उसने कुछ बच्चों की कॉपी और पैसे चुराए हैं। उसके माता-पिता को बताया और उसे समझा कर 20 दिसंबर को घर भेज दिया था।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.