पूर्व विधायक व भीम आर्मी नेता मो. गाज़ी पर दलित महिला को मारने, ज़मीन हथियाने व गालियां देने पर SC-ST एक्ट दर्ज

बिजनौर: बिजनौर जिले के बढ़ापुर विधानसभा से बसपा की टिकट पर विधायक रह चुके भीम आर्मी नेता मोहम्मद गाज़ी पर एक दलित महिला को जातिसूचक शब्द कहने, अपमानित करने व उसकी ज़मीन कब्जाने के सिलसिले में एससी एसटी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

इससे पहले भी उनके खिलाफ मंडावली थाने में दो और मंडावर थाने में एक मुकदमा दर्ज हो चुका है। जिसके बाद एक दलित अन्य दलित महिला के साथ भीम आर्मी नेता व पूर्व विधायक ने महिला को उसकी जाति से नीच बताते हुए उसके साथ मार पीट भी करी है।

जिस पर मंडावली थाना क्षेत्र के गांव राहतपुर निवासी सरोज देवी पत्नी गूटी उर्फ हरि सिंह ने बढ़ापुर विधान सभा क्षेत्र के पूर्व विधायक शेरकोट निवासी मोहम्मद गाजी के खिलाफ काफी समय से एक बीघा जमीन पर कब्जा करने की रिपोर्ट दर्ज कराई है।

महिला का आरोप है कि उसकी खसरा नंबर 23 की कृषि भूमि पर चार मीनार स्टोन क्रेशर स्वामी मो. गाजी और उसके दो भाइयों मो. कमाल और मो. दानिश द्वारा वर्ष 2011 से अवैध कब्जा किया हुआ है।

साथ ही महिला ने आरोप लगाया कि जमीन को कब्जामुक्त कराने की मांग पर पूर्व विधायक और उसके भाइयों ने उससे जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए जान से मारने की धमकी दी तथा जमीन को कब्जामुक्त करने के लिए दस लाख रुपये की मांग की है।

जान से मारने की धमकी के बाद से महिला डरी हुई है जिसके बाद उसने प्रसाशन से गुहार लगाई है।

पहले भी शोषण करने पर दर्ज हुए है मुक़दमे
ज्ञात होकि पूर्व विधायक मोहम्मद गाजी के खिलाफ पहला मुकदमा राहतपुर खुर्द गांव निवासी कपिल कुमार ने दर्ज कराया था। इसके बाद इसी गांव की महिला सरोज देवी ने मंडावली थाने में दूसरा और चंदक निवासी सुधीर कुमार ने मंडावर थाने में तीसरा मुकदमा दर्ज कराया था।

आपको बता दें कि पूर्व विधायक ने बीते दिनों ही बसपा छोड़ भीम आर्मी की सदस्यता ग्रहण करी थी। लेकिन उनकी दलितों के प्रति द्वेष व शोषण की पृष्टभूमि उनपर प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है।

खैर मंडावली पुलिस ने एससी एसटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


Donate to Falana DIkhana: यह न्यूज़ पोर्टल दिल्ली विश्विद्यालय के मीडिया छात्र अपनी ‘पॉकेट मनी’ से चला रहे है। जहां बड़े बड़े विश्विद्यालयों के छात्र वामपंथी विचारधारा के समर्थक बनते जा रहे है तो वही हमारा पोर्टल ‘राष्ट्रवाद’ को सशक्त करता है। वही दिल्ली विश्विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ रहे हमारे युवा एडिटर्स देश में घट रही असामाजिक ताकतों के खिलाफ लेख लिखने से पीछे नहीं हटते बस हमें आशा है तो आपके छोटे से सहयोग की। यदि आप भी हम छात्रों को मजबूती देना चाहते है तो कम से कम 1 रूपए का सहयोग अवश्य करे। Paytm, PhonePe, Bhim UPI, Jio Money, व अन्य किसी वॉलेट से से डोनेट करने के लिए PAY NOW को दबाने के बाद अमाउंट व मोबाइल नंबर डाले फिर ‘Other’ में जाकर वॉलेट ऑप्शन चूज करे। सादर धन्यवाद, ‘जयतु भारतम’


Why Harsh Meena is writing this piece?
Harsh Meena is a student of journalism at the University of Delhi. He reads and writes Dalit politics for exposing the venom spread by the so-called Dalit organizations. Besides, he is known for being vocal about the forceful conversions of the Hindu Dalits. Fun Fact, Dalit organizations hate him for exposing their nexus with Jay Meem!

+ posts

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

भीमआर्मी नेता की बलात्कारिक टिप्पणी, कहा- ‘दुर्गा सुंदर वैश्या थी, महिसासुर के साथ रात बिताई थी’

Next Story

चीनी दिग्गज कंपनी हुवावे भारत में 60% तक कर्मचारियों की करेगी छटनी, बॉयकॉट चीन के बाद उठाया कदम

Latest from देश विदेश - क्राइम

कर्नाटक हाईकोर्ट ने SC-ST एक्ट मामले में 99 को दी जमानत, चार झोपड़ी जलाने के आरोप में मिली थी आजीवन कारावास

कर्नाटक: हाईकोर्ट की धारवाड़ बेंच ने बुधवार को कोप्पल जिले के गंगावती तालुक के मरकुंबी गांव…