लखनऊ (UP): ब्राह्मण राजनीति पर योगी आदित्यनाथ ने सपा को करारा जवाब दिया है।
यूपी में विधानसभा सत्र के दौरान योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष के ब्राह्मण राजनीति पर तीखे तेवर में जवाब दिए हैं। बिना नाम लिए उन्होंने सपा की पूर्ववर्ती सरकारों के ब्राह्मण विरोधी कार्यों को उजागर किया।
योगी ने कहा कि “राम भक्तों पर जिन लोगों ने गोलियां चलाईं, वो लोग आज जातिवाद का नारा लगा रहे हैं, जब सत्ता में आते हैं तो कन्नौज में बीजेपी कार्यकर्ता नीरज मिश्रा का सिर काटकर घुमाते हैं और जनता से माफी तक नहीं मांगते। यही लोग हैं जो तिलक और तराजू की बात करके ब्राह्मण समाज को गाली देते थे। वही लोग आज फिर से माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।”
जिन लोगों को श्रीराम के अस्तित्व का ही भरोसा नहीं था, अब उन्हें श्रीराम की ताकत का अंदाजा हो रहा है।
रोम की बात करने वाले भी अब ‘राम-राम’ की रट लगाने लगे हैं। यह लोग जान गए हैं कि अब ‘राम-नाम’ से ही वैतरणी पार होनी है।
श्रीराम का नाम हर स्थिति में कल्याणकारी है।
जय सियाराम! pic.twitter.com/VePzs7hqbG
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 22, 2020
राम और परशुराम में तात्विक भेद नहीं: योगी
सीएम योगी ने विपक्षी दलों को राम व परशुराम को लेकर भी नसीहत दे डाली। उन्होंने कहा कि, “राम और परशुराम में तात्विक रूप से कोई भेद नहीं है। ये दोनों ही विष्णु के अवतार हैं। यह केवल बुद्धि का भेद है। जहां बुद्धि कम होती है, वही लोग भ्रम में पड़ते हैं लेकिन शास्त्र ने कोई भेद नहीं माना है। अगर इन लोगों ने राम और परशुराम को समझा होता तो ऐसा नहीं करते। दुर्भाग्य है कि ये देश की खुशी के साथ खुश नहीं हो सकते हैं।”
रोम रोम करने वाले राम राम रटने लगे:
इसके बाद योगी ने राम का अस्तित्व नकारने वाले विपक्ष दलों पर भी टिप्पणी की। बोले “जिन लोगों को श्रीराम के अस्तित्व का ही भरोसा नहीं था, अब उन्हें श्रीराम की ताकत का अंदाजा हो रहा है।रोम की बात करने वाले भी अब ‘राम-राम’ की रट लगाने लगे हैं। यह लोग जान गए हैं कि अब ‘राम-नाम’ से ही वैतरणी पार होनी है। श्रीराम का नाम हर स्थिति में कल्याणकारी है। जय सियाराम !”
रामद्रोही मारीच जैसे दुर्गति पाए हैं:
अंत में उन्होंने कहा कि “जो श्रीराम का हुआ उसके सभी काम स्वतः सिद्ध हो जाते हैं। वह बजरंगबली और वाल्मीकि जैसे संपूर्ण मानवता के लिए पूज्य हो गए। जिन्होंने श्रीराम के साथ द्रोह किया, वह मारीच की तरह दुर्गति को प्राप्त हुए। विपक्षी दलों को इससे सीख लेना चाहिए।”
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