शामली में बढ़ते अत्याचारों से ब्राह्मण समुदाय ने गाँव से शुरू किया पलायन, गाँव में आये दिन हो रहे है हमले

शामली: उत्तर प्रदेश के शामली जनपद में ब्राह्मण समुदायों पर बढ़ रहे अत्याचारों के बाद ब्राह्मण पलायन करने को मजबूर हो गए है। शामली के हसनपुर ग्राम में अल्पसंख्यक ब्राह्मणो का आरोप है कि जाट बहुल ग्राम में उन्हें रोज जलील व सरेआम मारा पीटा जाता है।

लेकिन 24 अगस्त को हुई एक घटना ने ब्राह्मणो को गांव छोड़ने पर ही मजबूर कर दिया। घटना 24 अगस्त की है जहां एक ब्राह्मण बच्चे के PUBG खलेते हुए कुछ कहासुनी हो गयी जिसके बाद बच्चे को जाटों के बच्चो ने बहाने से बुलाकर पीट डाला।

बच्चे को पीटे जाने पर परिजनों ने इसकी शिकायत बच्चे के पिता से करी व इसकी सुचना स्थानीय पुलिस को भी दे दी।

वहीं सुबह पुलिस थाने जाते समय पीड़ितों पर जाट समुदाय कट्टे व असलाहों से लेस होकर टूट पड़ा। कई राउंड चली फायरिंग से पीड़ित के एक बच्चे को गोली लग गयी व एक बेटी के आँख में छर्रा घुस गया।

वहीं दो अन्य भी बुरी तरह घायल हो गए जिन्हे AIIMS में भर्ती कराया गया है। घायल लड़की के आँख में छर्रा घुस जाने से उसकी एक आँख ख़राब हो चुकी है जिससे उसका जीवन अंधेरो से घिर गया है।

वहीं घटना में राजनितिक व पैसो के दबाव में पुलिस ने उल्टा पीड़ितों के चार सदस्यों पर जान से मारने के प्रयास में धारा 307 के तहत ही मुकदमा लिख डाला।

पूरी तरह जाटों के आतंक से भयभीत ब्राह्मणो ने अब घर खाली कर पलायन करना शुरू कर दिया है लेकिन प्रशासन की कानो में जु तक नहीं रेंग रही है।

घटना के बाद गाँव छोड़ कर गए लोगो के घरो में लगा है ताला

लोगो ने अपने घरो पर पलायन के पोस्टर तक चस्पा कर डाले है वहीं औने पौने दामों में घर बेच कर दूसरे गाँव में अपना बसेरा डाल रहे है।

वहीं पुलिस ने बताया कि पीड़ितों की तहरीर पर 6 आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसमे से ३ अभियुक्तों श्रीपाल, शीशपाल व विशाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है व अन्य की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी गयी है।

ज्ञात होकि राज्य में ब्राह्मणो पर बढ़ रहे हमलो में यह सबसे गंभीर मामला निकल कर सामने आया है जहां ब्राह्मणो को पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

मंत्री व विधायक दे रहे है आरोपियों का साथ
ब्राह्मण समुदाय के मुताबिक बीजेपी मंत्री सुरेश राणा व विधायक तेजिंद्र निर्वाल जाटों को राजनितिक संरक्षण देते आये है। जिससे उनके द्वारा अत्याचारों की लिस्ट सहनशीलता से बाहर हो गयी है। जिसके बाद ब्राह्मण समुदाय ने पलायन से पहले दोनों नेताओ के मुर्दाबाद के पोस्टर चस्पा कर दिए।


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