मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव में भाषा की मर्यादा लगातार तोड़ी जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने डबरा विधानसभा क्षेत्र में आयोजित कांग्रेस की आम सभा को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी की दलित प्रत्याशी एवं कैबिनेट मंत्री इमरती देवी को “आइटम” कह डाला।
मुझे पहले ही सावधान कर देना चाहिए था, ये क्या आइटम है: कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने हम सभा को संबोधित करते हुए भाजपा प्रत्याशी एवं कैबिनेट मंत्री श्रीमती इमरती देवी के बारे में कहा कि ” आप तो उसे मुझसे ज्यादा पहचानते हैं, आपको मुझे पहले ही सावधान कर देना चाहिए था, ये क्या आइटम है।”
पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने इमरती देवी को “जलेबी” कहा था
इससे पहले कांग्रेस नेता एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने भाजपा प्रत्याशी श्रीमती इमरती देवी के बारे में कहा कि “मैं कमलनाथ जी के संग कई जगह पर जनसभा करके आया हूं। लेकिन आज डबरा में जो जनसभा देखी वैसे ही मैंने कहीं नहीं देखी और मुझे पूरा विश्वास है कि जनता आने वाले 3 नवंबर को इमरती देवी को जलेबी बना देगी।”
ये कमलनाथ की मानसिकता: सिंधिया
कमलनाथ के बयान की राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भर्त्सना की है। उन्होंने कहा “एक गरीब और मजदूर परिवार से आगे आईं दलित नेता इमरती देवी जी को आज डबरा में आइटम और जलेबी कहना अत्यंत निंदनीय और आपत्तिजनक है – ये कमलनाथ जी की मानसिकता को भी दर्शाता है। महिलाओं के साथ ही समूचे दलित समाज का अपमान करने वाले ऐसे मगरूर नेता को सबक सिखाने का समय आ गया है।”
भाजपा मीडिया प्रभारी ने बताया विकृत सोच:
कमलनाथ के बयान पर प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने कमलनाथ की निंदा करते हुए कहा कि “सुनो कमलनाथ, तुम इतने नीचे गिर जाओगे, यह नहीं सोचा था। एक महिला के प्रति तुम्हारी सोच कितनी विकृत है, यह उजागर हुआ है। यह महिला तुम्हारी कैबिनेट में मंत्री थी
और आज भी वह सम्माननीय मंत्री है। मैं थूकता हूं तुम्हारे ऊपर।”
भाजपा नेता ने कहा माफी मांगें:
कमलनाथ के बयान को भाजपा नेताओं ने कड़ी निंदा की है। मंदसौर जिले से भाजपा के विधायक यशराज सिसोदिया ने कहा कि “किसी भी महिला का “आयटम” कह कर सम्बोधन करना अपमान है, यह नारी समाज का भी अपमान है। पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी के मुंह से निकलें ऐसे शब्द शोभा नहीं देते हैं कमलनाथ जी को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि उन्होंने यह शब्द सार्वजनिक रूप से कहें है।”