नई दिल्ली: विवादों में रहे कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन पीएफआई व दलित संगठन भीम आर्मी के बीच पैसों की लिंक पर अब ED जांच में जुटी गई है।
दरअसल न्यूज एजेंसी एएनआई के इनपुट के मुताबिक केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) वरिष्ठ पीएफआई अधिकारियों से बरामद विश्वसनीय साक्ष्यों के आधार पर पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) और भीम आर्मी के बीच वित्तीय संबंधों की जांच कर रहा है।
हाथरस कांड में मीडिया का था दावा:
बता दें कि बीते हाथरस कांड के समय कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि ईडी को पीएफआई से जुड़े एकाउंट में सौ करोड़ रुपये डाले जाने की बात मालूम चली है, इसमें से पचास करोड़ मॉरीशस से आए हैं और अब एजेंसी इसके स्रोत और उद्देश्य की जांच कर रही है। हालांकि इन मीडिया रिपोर्ट्स को ED ने खारिज कर दिया था।
पूर्व यूपी डीजीपी ने भी किया था दावा:
इंडिया टुडे के अनुसार, उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल ने दावा किया था कि भीम आर्मी और अन्य संगठन परिवार को बहलाने-फुसलाने का प्रयास कर रहे हैं।
बृजलाल उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्होंने यह भी दावा किया था कि पीएफआई और इससे संबद्ध कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया हाथरस मामले को लेकर हो रहे प्रदर्शनों में सक्रिय थे और दंगा भड़काने के लिए इन्होने सौ करोड़ रुपये दिए थे।
बृजलाल ने दावा किया, “मामले में एक नया मोड़ तब आया जब भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर अपने समर्थकों के साथ महिला को देखने अस्पताल में गए। पहले से ही तनावग्रस्त परिवार अलग-अलग सुझाव देने वालों के चलते उलझन में पड़ गया है और अब वे सीबीआई जांच और नार्को/पॉलीग्राफ टेस्ट से बच रहे हैं।”