नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान आंदोलन की आड़ में की गई हिंसा से पूरा देश स्तब्ध है। दिल्ली में कई जगहों पर सार्वजनिक संपत्तियों को बुरी तरह नष्ट किया गया है जबकि कम से कम 89 दिल्ली पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
आज दिनभर के उपद्रव में सबसे भयानक तस्वीरें लाल किला से आई हैं जहां झंडा फहराने गए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस कर्मियों पर लाठी डंडे से घातक वार किए जब उग्र भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई तो लाल किले में बनी एक गहरी खाइ में कूद गए। कई तो रेलिंग टूटने से सीधे गिरे और अचेत हो गए।
उधर ईश सिंघल, दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ने आज के घटनाक्रम को लेकर बताया कि आज हुई किसान ट्रैक्टर रैली में हिंसक घटनाएं हुई जिसमें दिल्ली पुलिस के लोग घायल हुए, सरकारी संपत्ति को भी नुकसान हुआ। पुलिस ने संयम के साथ काम किया। मेरी किसान आंदोलनकारियों से अपील है कि जो पहले से तय रास्ते हैं वहां से वापस लोट जाएं।
जबकि पूरे उपद्रव पर दिल्ली पुलिस के संयुक्त पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार ने कहा है कि किसान नेताओं के साथ बातचीत में रूट निर्धारित किए गए थे परन्तु आज सुबह 9:30 बजे एक गुट ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की और गाजीपुर बॉर्डर के पास पहली झड़प पुलिस के साथ हुई। पुलिस द्वारा उन्हें रोकने की कोशिश की गई।
आगे उन्होंने कहा कि काफी उग्र तरीके से ट्रैक्टरों द्वारा पुलिसकर्मियों को कुचलने की कोशिश की गई। व्यापक पैमाने पर तोड़फोड और नुकसान किया गया। काफी उग्र तरीके से ये रैली की गई, इसपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आलोक कुमार ने बताया कि एडिशनल डीसीपी ईस्ट पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की गई यदि उन्हें अंतिम वक्त में सुरक्षा कर्मियों द्वारा हटाया नहीं जाता तो बहुत बड़ा हादसा हो जाता। जबकि एक प्रोविजनल एसीपी को भी चोंट आई है।
दिल्ली पुलिस ईस्टर्न रेंज ने कहा कि ईस्ट दिल्ली में उपद्रव के मामले में 4 केस दर्ज किए गए हैं। 17 बस व 8 निजी वाहनों पर तोड़फोड़ की गई है।