कटनी (मध्य प्रदेश): कटनी जिले के बरही थाना के अंतर्गत आने वाले गांव जारारोड़ा मे एससी एसटी एक्ट के झूठे केस में फंसे बेटे की जमानत कराने गई मां बेटे को जमानत न मिलने और जेल जाते देख ऐसा सदमा लगा कि उसने कोर्ट में ही दम तोड़ दिया।
जारारोड़ा निवासी दादूराम यादव(उम्र 45 वर्ष)के बडे़ बेटे विकास यादव (17 वर्ष)पर 3 माह पहले गांव के ही दलित महिला अनुराधा दाहिया पत्नी रविचंद दाहिया ने खेत में पानी भरते वक्त पत्थर से वार कर दिया था जिससे विकास यादव घायल हो गया था। घटना के बाद दोनों मे विवाद हो गया। लोगो क समझाने पर घायल विकास यादव के परिजन मान गए और थाने में केस दर्ज नहीं कराया जबकि इसी प्रकरण मे दलित अनुराधा दहिया ने 4 फरवरी को बरही थाने में झूठे एससी एसटी एक्ट के तहत उल्टा दादूराम यादव और उनके पुत्रों पर मुकदमा दर्ज करा दिया।
जमीन के विवाद को छेड़खानी का आरोप लगा दर्ज कराया झूठा एससी एसटी एक्ट
3 महीने पहले खेत में पाने भरने को लेकर हुए विवाद को दलित महिला ने छेड़खानी का मामला बताकर एससी एसटी एक्ट में झूठा मुकदमा दर्ज कराया। जिसके तहत 5 फ़रवरी को दादूराम को गिरफ्तार कर पुलिस थाने ले गई।
शुक्रवार को जमानत कराने गई माँ ने बेटे को जमानत न मिलते और जेल जाते देख सदमे में तोड़ा दम
शुक्रवार को कटनी मे जमानत कराने गई दादूराम यादव की 70 वर्षीय मा जिंदोबाई ने बेटे को जमानत न मिलने और जेल जाते देख सदमे में गिर गई और वही कोर्ट में ही दम तोड़ दिया। परिजनों ने हमें बताया कि जमानत की आस में गई माँ ने अपने बेटे को जमानत न मिलते देख विरह में दम तोड़ दिया। उन्हें कोर्ट परिसर में ही हार्ट अटैक पड़ गया जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
परिजन व ग्रामीणों ने पुलिस की विवेचना पर खड़े किए सवाल
इस घटना के बाद से गांव में मातम का माहौल है वहीं परिजन व ग्रामीणों ने पुलिस की विवेचना पर सवाल खड़े किए हैं। विवाद के 3 माह बाद बिना सबूत जुटाए पीडि़त दादूराम को आरोपी बनाकर जेल में डाल दिया गया। गाँव के प्रधान ने भी दादूराम को निर्दोष बताया है। उनके मुताबिक उन्हें झूठे मुक़दमे में जेल जाना पड़ा है।
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