नई दिल्ली: आज देशभर में बसंत पंचमी की धूम देखने को मिल रही है। देश के हर कोने मेंबड़े हर्षोल्लास के साथ विद्यादायिनी माता सरस्वती की आराधना की जा रही है।
कई धार्मिक स्थलों में विशाल मेला लगे हैं। तो दूसरी ओर अलग-अलग हिस्सों के श्रद्धालु मंदिर पहुंचे हैं। हालांकि इस पावन पर्व पर दलित चिंतक दिलीप मंडल की टिप्पणी से सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा हो गया है।
दरअसल मंडल ने Phule J. , Slavery(1991), Govt of Maharashtra Publication नामक कथित दस्तावेज का हवाला देते हुए अपने ट्विटर अकाउंट से टिप्पणी की कि “सरस्वती को मैं शिक्षा की देवी नहीं मानता। उन्होंने न कोई स्कूल खोला, न कोई किताब लिखी। ये दोनों काम माता सावित्रीबाई फुले ने किए। फिर भी मैं सरस्वती के साथ हूँ। ब्रह्मा ने उनका जो यौन उत्पीड़न किया, वह जघन्य है।”
दिलीप मंडल यहीं नहीं रुके आगे उन्होंने देवी सरस्वती का मजाक उड़ाने के उद्देश्य से लिखा कि “10th बोर्ड में पूछे गए 2 सवाल – 1. सरस्वती का शिक्षा के क्षेत्र में क्या योगदान था? 2. सावित्रीबाई फुले-फ़ातिमा शेख़ का शिक्षा के क्षेत्र में क्या योगदान था? पहले के जवाब में बच्चों ने कॉपी ख़ाली छोड़ दी। दूसरे सवाल के जवाब में कॉपी भर दी। क्या आप पहले सवाल का जवाब दे सकते हैं?”
फिर मंडल ने कहा कि “सरस्वती के बारे में मैं नहीं जानता कि उन्होंने किसे शिक्षित किया। लेकिन मैं पक्के तौर पर जानता हूँ कि भारत में लड़कियों का पहला स्कूल माता सावित्रीबाई फुले और फ़ातिमा शेख़ ने खोला। दलितों और ओबीसी ही नहीं, हर लड़की के लिए खुला था वो स्कूल। नमन कीजिए इन्हें।”
गिरफ्तारी की हुई माँग:
हालांकि दिलीप मंडल की हिंदू देवी देवताओं पर अभद्र टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया यूजर्स उनकी गिरफ्तारी की माँग भी करने लगे हैं। उत्तर प्रदेश के जौनपुर से भाजपा विधायक दिनेश चौधरी ने उन्हें घृणा करने वाला बताते हुए गिरफ्तारी की माँग की।
इसके अलावा हरियाणा भाजपा आई टी सेल के प्रमुख अरुण यादव ने भीमंडल को गिरफ्तार करने को कहा। वहीं इस सूची में छत्तीसगढ़ से पूर्व भाजपा विधायक देवजी भाई पटेल, BJYM के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संतोष रंजन, उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग सदस्य प्रीति वर्मा, बिहार भाजपा उपाध्यक्ष मिथलेश तिवारी जैसे कई बड़े चेहरों ने नफरत फैलाने के लिए मंडल के गिरफ्तारी की मांग की है।