जयपुर: राजस्थान के दौसा जिले में शंभू पुजारी मौत प्रकरण मामले में सरकार और प्रतिनिधिमंडल के बीच सहमति आखिरकार बन ही गई।
भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में पिछले चार दिनों से जयपुर में सिविल लाइंस फाटक पर शव रखकर चल रहे धरना प्रदर्शन को समाप्त करने की घोषणा कर दी गई है। सचिवालय में सरकार के प्रतिनिधियों से करीब 2 घंटे चली बैठक के बाद प्रमुख सहमतियों पर मुख्य सचेतक महेश जोशी ने जानकारी दी कि:
1. मंदिर माफी की जमीन के संरक्षण के लिए कमेटी अन्य राज्यों का अध्ययन करेगी।
2. निर्माण की गई दुकानें सील रहेंगी जब तक जांच होगी।
3. संभागीय आयुक्त 30 अप्रैल तक करेंगे जांच।
5. एडीएम दुर्व्यवहार की होगी जांच।
6. प्रकरण में शामिल सभी अधिकारी होंगे एपीओ।
7. लाठीचार्ज मामले में जगदीश सैनी की मौत मामले की होगी जांच।
दौसा जिले के महवा थाना क्षेत्र के टीकरी गांव में मंदिर की जिस दो बीघा जमीन को भूमाफिया ने पुजारी से हड़पा था, उसी जमीन पर अंतिम संस्कार होगा। शव का पहले पोस्टमार्टम होगा, फिर आज रविवार को ही टीकरी गांव ले जाकर अंतिम संस्कार किया जाएगा।
क्या थी पूरी घटना:
जाफरान गाँव में राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी शंभू शर्मा की ज़मीन गाँव के ही कुछ दबंगो द्वारा हड़प ली गई थी। जबरन मूक बधिर पुजारी से रजिस्ट्री करा दबंगो ने करीब 28 बीघा ज़मीन को अपने नाम करा लिया। जानकारी होने पर पुजारी ने जब अपनी ज़मीन को वापस माँगा तो उन्होंने पुजारी को प्रताड़ित करने शुरू कर दिया।
कुछ लोगो ने बताया कि पुजारी को दबंगो द्वारा इतनी पीड़ा पहुंचे गई कि सदमे से उनकी मौत हो गई। प्रकरण का एक वीडियो भी वायरल हुआह जिसमे पुजारी को मरने से पूर्व रोते हुए देखा जा रहा है।
वहीं घटना की जानकारी पर राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी मौके पर पहुंचे व महवा थाने के बाहर ही करीब पांच दिन तक पुजारी का शव रख आरोपियों की गिरफ़्तारी की मांग करते रहे। गांव के ही लोगो ने हमें बताया कि यह प्रकरण करीब एक महीने से चल रहा था। मूक बधिर होने के कारण पुजारी की लगभग 28 बीघा ज़मीन की जबरन रजिस्ट्री करवा ली गई थी। प्रताड़ित होने के कारण सदमे से पुजारी की मौत हो गई।
गाँव के बाहुबली लोगों ने छीनी थी पुजारी की ज़मीन:
पुजारी की ज़मीन हड़पने व उन्हें प्रताड़ित करने में बाहुबली लोगों का हाथ रहा था। परिजनों ने बताया कि रजिस्ट्री बलवीर सिंह मीणा व सत्यवती मीणा पत्नी बनवारी मीणा के नाम पर हुई है। वहीं रामनिवास मीणा, मजदूरी लाल मीणा व भीम सिंह मीणा पुजारी को धमकाने व प्रताड़ित करने में शामिल रहे। कुल 8 से 10 लोगो ने पुजारी को मरने पर मजबूर किया था। इससे पहले यही लोग मंदिर परिसर की ज़मीन को भी हड़प चुके थे।