लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के पदाधिकारियों की घोषणा कर दी।
आयोग का अध्यक्ष भाजपा नेता और पूर्व आगरा विधायक राम बाबू हरित को बनाया गया जिन्होंने पूर्व अध्यक्ष बृजलाल का स्थान लिया।
बृजलाल के राज्यसभा सांसद बनने के बाद लगभग डेढ़ साल से यह पर रिक्त चल रहा था। अध्यक्ष के साथ 18 पदाधिकारियों के नामों की घोषणा भी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की गई। इसके अतिरिक्त शाहजहांपुर से मिथिलेश कुमार और सोनभद्र से राम नरेश पासवान को एससी एसटी आयोग का उपाध्यक्ष भी नियुक्त किया गया।
FD/NP टीम के साथ बातचीत में आयोग के नवनिर्वाचित अध्यक्ष हरित ने बताया कि आयोग के अध्यक्ष के रूप में सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को समाज के आखिरी तबके तक पहुंचाना उनकी प्राथमिकता रहेगी।
राम बाबू ने हमारी टीम को बताया कि पिछले कुछ समय में उनके संज्ञान में ऐसे कई प्रकरण आए हैं जहां एससी एसटी एक्ट का दुरुपयोग किया गया था तो उनकी प्राथमिकता रहेगी की एससी एसटी एक्ट का दुरुपयोग को बहुत कम कर सर्व समाज में सामंजस्य स्थापित किया जाए।
उन्होंने बताया कि आयोग दोनों पक्षों की बातों को सुनेगा ताकि आपसी सामंजस्य के साथ मामले को सुलझाया जा सके और दुरुपयोग जैसी बाधाओं को भी कम किया जा सके।
राजनीति में 30 साल के लंबे समय में रामबाबू हरित ने शुरुआत आगरा से कि जहां वे 1990 में आगरा के डिप्टी मेयर रहे और फिर 1992 से 2007 तक लगातार तीन बार आगरा से विधायक भी रहे, इसके साथ ही हरित ने आरपी गुप्ता और राजनाथ सिंह की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएं दी है।