सागर: मध्य प्रदेश के सागर जिले के सानोधा थाना क्षेत्र के अन्तर्गत दुष्कर्म व हत्या मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सागर, नगर अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में हुई। जहां कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है।
क्या था मामला ?
दरअसल, मामला सागर जिले के सनौधा थाना क्षेत्र का हैं। जहां 7 अप्रैल 2019 को ग्राम बोधा पिपरिया के पास जंगल में 12 वर्षीय नाबालिग बालिका का शव मिला था।
पुलिस द्वारा मामले की जांच में पता चला कि आरोपी आदिवासी युवक ने नाबालिक को जंगल में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया और दुष्कर्म के बाद उसका गला दबाकर हत्या कर दी। पुलिस के द्वारा जंगल से नाबालिग का अद्धनग्न अवस्था में शव बरामद किया था।
साइकिल का दिया लालच
नाबालिग लड़की अपनी दादी के साथ आपचंद (आपचंद की ऐतिहासिक गुफाएं) से अपने गाँव बोधा पैदल आ रही थी।तभी रास्ते में आरोपी युवक वीरेंद्र आदिवासी मिला और नाबालिग को घर छोड़ने का कहकर, अपनी साइकिल पर बैठाकर ले गया और जंगल में उसके साथ दुष्कर्म को अंजाम दिया और उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई।
कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा
सागर के नगर अपर सत्र एवं विशेष न्यायधीश आर. प्रजापति की अदालत ने नाबालिग से रेप और हत्या के मामले में शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आरोपी युवक वीरेंद्र आदिवासी को धारा 302 के तहत फांसी की सजा सुनाई हैं।
मामले में कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोपी ने निर्दयता से बालिका को न केवल अमानवीय पीड़ा पहुंचाई, बल्कि उसके जननांग व गले को भी चोटिल किया। यह कल्पना करना मुश्किल है कि बच्ची ने कितनी पीड़ा सहन की होगी।
आगे कोर्ट ने कहा कि वर्तमान में जिस प्रकार से अबोध बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे मामलों में प्रभावी रोकथाम के लिए आवश्यक है कि आरोपियों को कठोर दंड दिया जाए।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.