बडगाम: कश्मीर पुलिस ने खुलासा किया है कि हुर्रियत नेता सैय्यद शाह गिलानी की मौत के बाद उनके रिश्तेदारों द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की गई थी।
अलगाववादी नेता सैयद अली शाह (एसएएस) के अंतिम संस्कार को लेकर चल रहे विवाद के बीच पुलिस पर आरोप है कि उसके रिश्तेदारों और परिचितों को जानबूझकर अंतिम संस्कार से बाहर रखा गया था। हालांकि कश्मीर पुलिस ने सोमवार को दावों को खारिज करने वाले वीडियो की एक श्रृंखला जारी की।
वीडियो में दिखाया गया है कि गिलानी की अंत्येष्टि में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे और अंतिम संस्कार की चरणबद्ध प्रक्रिया का पालन किया गया था।
वहीं कश्मीर पुलिस जोन ने सोमवार को जारी एक बयान में बताया कि एसएएस गिलानी की मृत्यु के बाद, आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने एसपी और एएसपी के साथ उनके दोनों बेटों से रात 11 बजे उनके आवास पर मुलाकात की, उन्हें शोक व्यक्त किया और संभावित प्रमुख कानून व्यवस्था की स्थितियों के कारण आम जनता के बड़े हित के लिए रात में दफनाने का अनुरोध किया। दोनों मान गए और परिजनों के पहुंचने तक दो घंटे इंतजार करने को कहा।
पुलिस के मुताबिक आईजीपी कश्मीर ने व्यक्तिगत रूप से कुछ रिश्तेदारों से बात की और उन्हें सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया। हालाँकि, 3 घंटे बाद शायद पाकिस्तान और शरारती तत्वों के दबाव में उन्होंने अलग व्यवहार किया और पाकिस्तान के झंडे में शव लपेटने, पाकिस्तान के पक्ष में जोरदार नारे लगाने और पड़ोसियों को बाहर आने के लिए उकसाने सहित राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का सहारा लेना शुरू कर दिया।
मनाने के बाद परिजन शव को कब्रिस्तान ले आए और इंतिजामिया कमेटी के सदस्यों और स्थानीय इमाम की मौजूदगी में सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया।
पुलिस अपने खुलासे में यह भी कहा कि गिलानी के दोनों बेटों के कब्रिस्तान में आने से इनकार करना जोकि उनके दिवंगत पिता के लिए उनके प्यार और सम्मान के बजाय पाकिस्तानी एजेंडे के प्रति उनकी वफादारी का संकेत था।
गौरतलब है कि लम्बी बीमारी के बाद बुधवार को गिलानी की मौत हो गई थी।