कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा ने राज्य में अंतरराष्ट्रीय सीमा से बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 50 किमी तक बढ़ाने के केंद्र के कदम के खिलाफ आज एक प्रस्ताव पारित किया है। हालांकि इसी दौरान टीएमसी विधायक ने बीएसएस जवानों पर आपत्तिजनक आरोप लगाए जिसका बीएसफ ने भी पलटवार किया है।
मंगलवार को राज्य विधानसभा ने राज्य में अंतरराष्ट्रीय सीमा से बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 50 किमी तक बढ़ाने के केंद्र के कदम के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया गया है।
विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने राज्य में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि के मुद्दे पर 1.5 घंटे लंबी चर्चा की अनुमति दी। इससे पहले आज, टीएमसी मंत्री पार्थ चटर्जी ने इस मुद्दे के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया था।
बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र विस्तार के खिलाफ प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान टीएमसी के उदयन गुहा के एक बयान पर बड़ा बवाल खड़ा हो गया जिसमें उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब महिलाएं सीमा पार करती हैं तो तलाशी के नाम पर बीएसएफ के जवान उन्हें गलत तरीके से छूते हैं।
सत्तारूढ़ दल के विधायक ने यहां तक कह दिया कि भारत माता की जय कितना भी बोल लें पर देशभक्त नहीं हो सकते।
वहीं अपने जवानों पर इस आपत्तिजनक आरोप के बाद बीएसएस ने भी पलटवार किया है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बीएसएस अधिकारी ने कहा कि बीएसएफ एक पेशेवर बल है जिसने हमेशा नियमों और विनियमों का पालन करके अनिवार्य कर्तव्यों का पालन किया है।
महिलाओं के छूने के आरोपों पर अधिकारी ने कहा कि बीएसएफ महिला प्रहरी हैं जो महिलाओं की तलाशी लेती हैं। बीएसएफ जवानों द्वारा महिलाओं को गलत तरीके से छूने के आरोप पूरी तरह निराधार हैं।
बयान के अलावा बीएसएस गुवाहाटी ने महिला प्रहरियों की तस्वीरें भी जारी की हैं जिसमें बताया कि महिलाओं की तलाशी और जांच के लिए बीएसएफ गुवाहाटी फ्रंटियर के तहत भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर 300 से अधिक महिला कांस्टेबल तैनात हैं। महिलाओं की तलाशी सिर्फ महिला कांस्टेबल करती है।