MP: कांग्रेस नेता नूरी खान का इस्तीफा, कहा- ‘अल्पसंख्यक होने से पार्टी में नहीं मिलता प्रतिभाओं को मौका’

इंदौर: मध्यप्रदेश कांग्रेस की नेता व प्रवक्ता नूरी खान ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा इस्तीफा दे दिया है। हालांकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अभी इस पर कोई फैसला नहींं लिया है।

रविवार को अचानक कांग्रेस को अनेक राज्यों की तरह मध्यप्रदेश में भी झटके की एक खबर मिली जहां महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय समन्वयक व पार्टी प्रवक्ता नूरी खान ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफे की घोषणा कर दी।

https://twitter.com/NooriKhanINC/status/1467500195793408001?t=h33PQPzps4sWZf_HsNX-nQ&s=19

हालांकि कुछ देर बाद ही नूरी ने कहा कि पार्टी के सभी पदों से इस्तीफ़े के विषय में उनकी प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से चर्चा हुई। उनका इस्तीफ़ा स्वीकार नही किया गया है उन्हें पार्टी द्वारा सकारात्मक बात-चीत हेतु आमंत्रित किया गया है।

नूरी का कहना है कि मेरी समस्त आशंकाओं को दूर कर पार्टी अध्यक्ष द्वारा अपना इस्तीफ़ा पुनः लेने का आग्रह किया गया है और मुझे ये विश्वास भी दिलाया गया है कि पार्टी अन्याय नही होने देगी। उन्होंने कहा कि अतः धैर्य रखे पार्टी अध्यक्ष से मुलाक़ात कर मै नतीजे पर पहुँचूँगी।

इसके पहले दिन में नूरी ने अपने इस्तीफे को सोशल मीडिया पर भी साझा किया था जिसे उन्होंने मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ को भेजा था।

पार्टी में अल्पसंख्यकों के साथ लगाया भेदभाव का आरोप

अपने इस्तीफे में उन्होंने गम्भीर आरोप लगाए थे। उन्होंने लिखा, “वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में कांग्रेस पार्टी की विचारधारा अल्पसंख्यक समाज के प्रति भेदभाव पूर्ण रवैया की है…। पार्टी में सिर्फ इस वजह से प्रतिभाओं को मौका नहीं दिया जाता क्योंकि अल्पसंख्यक वर्ग से है… यह मेरा कोई राजनीतिक आरोप नहीं है आप खुद तथ्यात्मक रूप से आकलन करें प्रदेश के जिलों में जिला कांग्रेस कमेटियों में कितने अध्यक्ष अल्पसंख्यक वर्ग से…।”

उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश के अग्रिम संगठनों में कोई प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक वर्ग से नहीं है, मैंने स्वयं यह महसूस किया है कि मुझे जिस तरह से इतनी मेहनत और लगन से कार्य करने के बाद भी सिर्फ वर्ग विशेष से होने की वजह से पार्टी मैं जिम्मेदार पद पर नहीं बैठाया जाता।

“जबकि यदि यह स्थिति मेरे जैसी कार्यकर्ता के साथ है प्रदेश के अन्य जिले के अल्पसंख्यक वर्ग के कार्यकर्ताओं में कितना उपेक्षा का व्यवहार होगा…। पार्टी के अग्रिम संगठनों पर जिम्मेदारी नहीं दी जाती…। सांप्रदायिक संगठनों से लड़ने की बात सिर्फ कागजों पर है यदि हम अपनी पार्टी में इसका पालन नहीं करा सकते तो शायद हम अपनी विचारधारा से विमुख हो रहे हैं…।”

नूरी ने कहा कि ऐसी स्थिति में मेरे लिए कार्य कर पाना असंभव है मैं आपके प्रति व्यक्तिगत रूप से कृतज्ञता व्यक्त करती हूं और अपने सभी कांग्रेस के पदों से इस्तीफा देती हूं अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देती हूं

“अपने से जुड़े कार्यकर्ताओं जनता को यह आश्वस्त करना चाहती हूं कि भविष्य में अपने राजनीतिक आंदोलन को और मजबूत करने के लिए आपकी जनसेवा के लिए नई राजनीतिक दिशा जल्दी तय करूंगी और आपके बीच में राजनीतिक जन सेवा के लिए कार्य करूंगी … एक नई राजनीतिक दिशा और सोच के साथ आप सभी के सहयोग और प्यार के लिए धन्यवाद…।”

“मेरे इस इस्तीफे को बिना किसी मानमनोबल एवं औपचारिकता के अविलंब स्वीकार किया जाए यह निर्णय मेरा अंतिम निर्णय है अतः मेरा इस्तीफा स्वीकार करें।”

अंत में उन्होंने यह भी लिखा कि “उसूलों पर गर आंच आए तो टकराना जरूरी है जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है…..।”

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