भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में विभागीय समीक्षा बैठकों के अंतर्गत अध्यात्म विभाग की बैठक ली। बैठक में संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे l
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नर्मदा जयंती को जन-उत्सव के रुप में मनाया जाये। स्थानीय निकाय और जन-सहयोग से विभिन्न उत्सवों को मनाने की व्यवस्था की जाए। महाशिवरात्रि सहित अन्य मेलों को प्रासंगिक बनाने की कार्य-योजना बना ली जाए।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जिलों के अमले, जनअभियान परिषद, संत-महात्माओं आदि का सहयोग लेकर अध्यात्म से संबंधित कार्यों को पूरा करें। उन्होंने कहा कि मंदिरों का जीर्णोंद्वार करायें। ऐसे देव स्थान जो शासन द्वारा संचालित नहीं हैं उनके जीर्णोंद्वार के प्रयास भी किये जायें।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि धर्मशालाओं, यात्री सेवा सदन का निर्माण जन-सहयोग से करें। उन्होंने कहा कि वैदिक जीवन पद्धति के मॉडल के लिए विशेषज्ञों की राय ली जाये। मंदिर की जमीनों पर कब्जा करने वालों पर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मंदिर की देखरेख के लिए समिति रहे, जिसमें एक शासकीय व्यक्ति भी शामिल हो।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में आनंदम केंद्रों को और उपयोगी बनाने के लिए रणनीति बनायें। प्रदेश में 172 आनंदम केन्द्रों का संचालन हो रहा है। लोगों को आनंद प्रदान करना एक अद्भुत कार्य है। इसके लिए विशेष प्रयास करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आनंदम विभाग से देश में प्रदेश की अलग पहचान बनी है। आनंद का वातावरण लोगों को कुंठा से बाहर निकालता है।