अजमेर- बीते दिनों ऋषि घाटी स्थित जगन्नाथ पुरी मंदिर के वृद्ध पुजारी ने मंदिर की कमेटी से परेशान होकर खुद के ऊपर केरोसीन डालकर आग लगा ली थी, जहां गुरूवार को जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई हैं।
वहीं पुजारी गोविन्द नारायण शर्मा की मौत को 18 घंटे बीत जाने के बाद भी परिजनों ने शव उठाने से मना कर दिया है और बजरंगगढ़ चौराहे पर जाम लगा दिया हैं।
जानिए क्या है मामला?
आपको बता दे कि अजमेर के ऋषि घाटी स्थित जगदीश मंदिर के पुजारी गोविंद नारायण शर्मा (92) ने मंदिर कमेटी पर प्रताड़ित करने आरोप लगाते हुए 11 अक्टूबर को खुद पर केरोसीन डालकर आत्मदाह करने की कोशिश की थी, जिसमें वह 60 फीसदी तक झुलस गए थे।
इतना ही नहीं पुजारी गोविन्द नारायण शर्मा ने आत्मदाह की कोशिश करने से पहले एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था, जिसमें कहा गया था कि मैं गोविंद नारायण जगदीश मंदिर का पुजारी हूं। मुझे मंदिर कमेटी के चेयरमैन द्वारा परेशान करवाया जा रहा है, प्रशासन द्वारा भी मदद न करने का आरोप लगाया था।
वहीं पुजारी के पोते भरत शर्मा का कहना है कि 4 महीने पहले ही मंदिर की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया था, जिसके बाद से ही अध्यक्ष नरेंद्र डीडवानिया, सचिव प्रमोद डीडवानिया, उपाध्यक्ष रितेश कनोडिया और अन्य के द्वारा उसके दादा को मंदिर खाली करने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा हैं।
जिसके बाद पुलिस ने परिजनों की शिकायत और प्रारंभिक जांच के आधार पर अध्यक्ष नरेंद्र डीडवानिया, प्रमोद डीडवानिया, रितेश कदोई और सुशील कदोई के खिलाफ धारा 385 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था।
परिवार को आर्थिक सहायता और नौकरी की मांग
वहीं इस पूरे घटना क्रम के बाद मृतक के परिजनों और ब्राह्मण समाज के द्वारा एसडीएम को मांग पत्र दिया गया था, जिसमें 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग के साथ- साथ पहले की तरह मंदिर कमेटी मे पुजारी के पोते भरत शर्मा को स्थाई सदस्य बनाकर पूजा पाठ करने और रहने की व्यवस्था करने की मांग की गई हैं।
इतना ही नहीं मामले में लापरवाही बरतने और कार्रवाई में देरी करने वाले पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने की मांग रखी गई हैं।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.