हत्या के प्रयास और एससी एसटी एक्ट में दर्ज प्राथमिकी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किया रद्द

प्रयागराज- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान प्रयागराज के करछना थाने में दर्ज हत्या के प्रयास और एससी एसटी एक्ट की एक प्राथमिकी को रद्द कर दिया है, हालांकि कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ता को मारपीट की धाराओं में मजिस्ट्रेट के सामने सुनवाई के लिए उपस्थित होने को कहा हैं।

न्यायमूर्ति फैज आलम खान ने उक्त आदेश राजकुमार पाण्डेय उर्फ बबलू पाण्डेय व तीन अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए दिया। आपको बता दे कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ पिछले वर्ष प्रयागराज के करछना थाने में आईपीसी की धारा 307, 323, 504, 506 और एससी एसटी एक्ट की (3)(1)(10) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

जिसके बाद इस पूरे मामले में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ समन जारी कर दिया था, जिसे याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में चुनौती दी और आरोपों को गलत बताते हुए आपराधिक प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की थी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि पूरा मामला 156(3) के तहत दर्ज कराया गया है, जो कि पूरी तरह से झूठा और मनगढंत हैं।

गवाह ने कोर्ट में पेश किया हलफनामा

इतना ही नहीं कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने कहा कि शिकायतकर्ताओं की तरफ से जो भी बयान दर्ज करवाएं गए थे, वह सब झूठे और मनगढंत तरीके से दर्ज कराये गए थे। जिसकी पुष्टि खुद बयान देने वाले ने कोर्ट में हलफनामा प्रस्तुत करके की हैं।

याचिकाकर्ताओं के इन सभी तर्को को ध्यान रखते हुए कोर्ट ने याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए धारा 307 और एससी एसटी एक्ट की धाराओं को रद्द कर दिया है।


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