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राष्ट्रीय नेतृत्व ने ठुकराया रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का न्यौता, निर्णय से आहत पार्टी प्रवक्ता ने छोड़ी कांग्रेस

धार- अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कांग्रेस के आलाकमान मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गाँधी, और अधीर रंजन चौधरी जैसे बड़े नेताओं ने प्राण प्रतिष्ठा के न्यौते को ठुकराते हुए रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से मना कर दिया हैं। जिसके बाद पार्टी के इस निर्णय से आहत होकर मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता और धार जिला प्रवक्ता दीपेंद्र सिंह ठाकुर ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने धार जिला अध्यक्ष कमल किशोर पाटीदार को अपना इस्तीफा सौंप दिया हैं।

इसके साथ ही कांग्रेस के कई बड़े नेता पार्टी के इस निर्णय से नाखुश है, आचार्य प्रमोद कृष्णम और गुजरात के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में न जाने के पार्टी के निर्णय को गलत ठहराया हैं। वहीं पार्टी की ओर से कहा गया कि बीजेपी ने यह कार्यक्रम राजनीतिक लाभ के लिए किया है, धर्म निजी मामला हैं और बीजेपी व आरएसएस ने मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम को अपना इवेंट बना लिया हैं।

इस्तीफे में किया तुलसीदास की चौपाई का जिक्र

दीपेंद्र सिंह ठाकुर ने अपने त्याग पत्र में लिखा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है, पार्टी का यह निर्णय मन को अघात पहुंचाने वाला और बेहद ही पीड़ादायक हैं। उन्होंने कहा मैं 2012 से अनवरत रूप से विभिन्न पदो पर रहते हुए शहर से लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता के पद पर रहा हूँ। संघर्ष की इस लड़ाई में मेरे ऊपर कई प्रकरण भी दर्ज हुए, जो अभी न्यायालय में लंबित हैं।

परंतु निज धर्म को सर्वमान्य मानते हुए गोस्वामी तुलसीदास जी के कथनानुसार “राम विरोध न उबरसि, सरण बिष्णु अस ईस” के मूल मंत्र को गृहण करते हुए अपने आप को कांग्रेस के सभी पदों से मुक्त करते हुए प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रहा हूं। दीपेंद्र ने आगे लिखा कि मैं पिछले नौ साल से कांग्रेस के लिए काम कर रहा हूँ, लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और हमारी नेता सोनिया गाँधी ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया। यह काफी आहत करने वाला फैसला हैं।

उन्होंने लिखा कि वह एक राम भक्त हैं और सनातन धर्म का अत्याधिक सम्मान करते हैं। राम का विरोध करने वालो के साथ मैं नहीं रह सकता, इसलिए मैने जिला अध्यक्ष को अपना त्याग पत्र सौंफ दिया हैं।

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