जयपुर: राजस्थान के अलवर जिले में पुजारी की आत्महत्या मामले में 8 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस कोई गिरफ्तारी नहीं कर सकी है। मामले की पड़ताल करने के लिए हमारी टीम दिल्ली से अलवर पहुंची जहाँ हमने पुजारी की माँ और भाभी मिली। घर पर मृत पुजारी की फोटो रखी थी जिसे निहारते हुए बूढी माँ लगातार अपने लाल को पुकार रही थी। अपनी नम आँखों से जैसे ही माँ ने हमें देखा वैसे ही उन्होंने कहना शुरू कर दिया कि हफ्ता भर हो गया लेकिन एक भी पुलिस वाला उनके घर झाँकने नहीं आया। न ही आज तक उनकी तहरीर को FIR में बदला गया है। थाने में बात करने पर कहा जाता है कि कोतवाल साहब वैष्णों देवी दर्शन को गए हैं। आने के बाद देखेंगे।
SC ST एक्ट के डर से लगा ली फांसी
हनुमान बगीची शिव मंदिर में पुजारी का कामकाज देखने वाले अखिलेश शर्मा का चढ़ावे को लेकर मंदिर के गार्ड से विवाद हो गया था। गार्ड धनीराम खटीक रोजाना भगवन को चढ़ने वाला श्रृंगार उठाकर अपने घर ले जाता था। क्यूंकि पुजारी अखिलेश शर्मा को मंदिर से पगार नहीं मिलती थी इसलिए घर चलाने के लिए अखिलेश शर्मा मंदिर के श्रृंगार पर ही निर्भर थे। उन्होंने जब इसकी शिकायत समीति से की तो गार्ड ने उनके ऊपर SC ST एक्ट का मुकदमा दर्ज करा दिया।
रोजाना पुजारी को धमकाया जाता
परिजनों के अनुसार अखिलेश शर्मा के पास रोजाना समझौता करने के लिए फोन आता था। उनसे 10 लाख रूपए की मांग की जाती थी। उन्हें इसके लिए बुधवार तक का समय दिया गया था। दबाव में आकर पुजारी ने मंगलवार को ही फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। इसका खुलासा तब हुआ जब उनके शव के पास से दो पेज का नोट बरामद हुआ जहाँ उन्होंने पूरे मामले की शिकायत थानाधिकारी से की थी। हालाँकि पुलिस ने उल्टा इस मामले में पुजारी को ही धमकाना शुरू कर दिया था जिसके बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली।
भूखे पेट सोते थे पुजारी
आस पास के लोगों ने बताया कि पुजारी बेहद धार्मिक थे। उनकी हालत ये थी कि कई बार उन्हें भूखे पेट ही सोना पड़ता था। पुजारी की भाभी ने बताया कि भगवन की सेवा करने की वजह से उन्होंने शादी भी नहीं की। अखिलेश शर्मा के आत्महत्या करने से पूरे शहर में लोगों में आक्रोश है। हालाँकि अभी तक पुलिस ने न तो घरवालों का बयान दर्ज किया है और न ही आरोपी को गिरफ्तार किया।
माँ ने किया सुसाइड का प्रयास
बेटे की मौत क्षुब्द माँ प्रेमलता शर्मा ने भी अपनी जान देने का प्रयास किया। प्रेमलता ने पंखे से लटक कर जान देने की कोशिश की लेकिन पंखा टूट कर निचे गिर गया। परिजनों से दिखाया जहाँ पर माँ ने आत्महत्या का प्रयास किया था। बार बार अपने लाल को याद कर रोने वाली प्रेमलता को जो भी देखता उसकी भी आँखें नम हो जाती। माँ बस यही कह रही है कि आरोपियों को भी फांसी दी जाये।
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