आगरा: भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर आगरा में आयोजित भीमनगरी कार्यक्रम में उस समय चार बार हंगामा हुआ जब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उद्घाटन करने पहुंचे। यह कार्यक्रम दलित समाज के सम्मान और संस्कृति से जुड़ा होता है, ऐसे में हर गतिविधि पर विशेष नजर रखी जा रही थी। लेकिन इसके बावजूद कार्यक्रम में चार अलग-अलग विवाद खड़े हो गए जिन्हें मौके पर मौजूद पुलिस और आयोजन समिति ने किसी तरह काबू में लिया। आइए, जानते हैं एक-एक कर के क्या हुआ इस आयोजन में।
‘राधे-राधे’ के नारे से मचा कोहराम
कार्यक्रम की पहली तल्खी मथुरा के भाजपा विधायक पूरन प्रकाश मेहरा के भाषण के बाद हुई। उन्होंने मंच से अपने भाषण के अंत में ‘जय श्रीकृष्ण’ और ‘राधे-राधे’ के नारे लगाए। यह सुनते ही दर्शकगण, जिनमें बड़ी संख्या में दलित समाज के लोग मौजूद थे, भड़क गए। लोगों ने कुर्सियों पर खड़े होकर ‘जय भीम’ और ‘बाबा साहब अम्बेडकर अमर रहें’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। कई लोगों ने जोर देकर कहा कि “यह बाबा साहब का कार्यक्रम है, यहां भगवाकरण नहीं चलेगा।” महिलाओं ने भी विरोध जताया और मंच से विधायक को उतारने की मांग की। माहौल इतना गरम हो गया कि खुद विधायक को फिर से माइक लेकर ‘जय भीम’ के नारे लगाने पड़े। लेकिन तब तक नाराज़गी फैल चुकी थी। इसी के दो मिनट बाद मुख्यमंत्री योगी मंच पर पहुंचे।
भंते हुए नाराज़, मंच छोड़ने की धमकी दी
मुख्यमंत्री के मंच पर आते ही दूसरी घटना घटी। बौद्ध भिक्षु (भंते) इस बात से नाराज़ हो गए कि उन्हें मंच पर बुलाकर नीचे बैठाया गया। उन्होंने अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कार्यक्रम स्थल छोड़ने की तैयारी कर ली। सीएम के मंच पर पहुंचने के ठीक उसी वक्त भंते उठकर जाने लगे। स्थिति बिगड़ती इससे पहले ही पुलिस और आयोजकों ने उन्हें सम्मानपूर्वक मंच पर कुर्सी पर बैठा दिया। इस तरह मामला वहीं थम गया।
माला लेकर पहुंचा युवक, खुद को बताया डाकू
तीसरी घटना ने सबको चौंका दिया। जब योगी आदित्यनाथ भाषण दे रहे थे, तभी जनता के बीच से एक युवक खड़ा हो गया। उसने खुद को ‘डाकू’ बताते हुए हाथ में फूलों की माला लहराई और जोर से चिल्लाने लगा कि “मैं योगी जी को माला पहनाऊंगा!” हालात को भांपते हुए पुलिस और सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत युवक को काबू किया, माला छीनकर उसे कार्यक्रम स्थल से बाहर कर दिया। युवक का इरादा क्या था, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।
कार्यक्रम स्थल के बाहर युवक ने मचाया बवाल
चौथी घटना कार्यक्रम स्थल के बाहर हुई। सीएम के काफिले के गुजरने के दौरान सड़क बंद कर दी गई थी, जिससे आम लोगों को रोका गया। इस दौरान एक युवक ने पुलिस पर बदसलूकी का आरोप लगाते हुए ज़ोरदार हंगामा किया। घटना का एक वीडियो भी सामने आया जिसमें युवक पुलिस से कहता दिख रहा है – “मैं पक्का च— हूं, मुझसे बतमीजी कैसे की?” युवक खुद को इलाके का निवासी बता रहा था और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा था। मामला बिगड़ता देख एक पुलिसकर्मी ने युवक के आगे हाथ जोड़ दिए, तो युवक ने उसे सल्यूट कर दिया।
कड़ी सुरक्षा में समापन, पुलिस रही सतर्क
चार बार हुए इन हंगामों के बावजूद कार्यक्रम अंततः शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। पुलिस की सतर्कता ने किसी भी बड़ी घटना को टाल दिया। लेकिन इन घटनाओं ने यह ज़रूर दिखा दिया कि भीमनगरी जैसे आयोजन कितने संवेदनशील होते हैं, जहां शब्दों और भावनाओं की ज़रा सी चूक भी बड़ा विवाद खड़ा कर सकती है। अगर आप चाहें तो इस खबर का वीडियो स्क्रिप्ट या सोशल मीडिया पोस्ट वर्जन भी तैयार कर सकता हूँ।