सुकमा (छ.ग.) : भूपेश बघेल सरकार में 25 दिसंबर को मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया जिसमें 9 मंत्रियों को पड़ एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गयी |
कोंटा के विधायक बने मंत्री शपथ खुद नहीं पढ़े, राज्यपाल को सुनकर दोहराया :
दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र किसका है ? अगर कोई पूंछे तो फटाक से उत्तर निकलता है भारत, तो इसी लोकतंत्र में तरह तरह के नेता, विधायक, सांसद व मंत्री भी सबने देखा है | ऐसा ही एक उदाहरण छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल से आया जहां मंत्री जी खुद शपथ तक नहीं पढ़ सके |
हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की कोंटा सीट की जोकि एक आरक्षित सीट है | यहाँ के वर्तमान विधायक कांग्रेस के कवासी लखमा हैं जिन्होंने इसी चुनाव में भाजपा के धनीराम बारसे को 6709 वोटों से हराया है |
जब उन्हें शपथ के लिए बुलाया गया तो वो शपथ पत्र ही नहीं पढ़ पाए | फिर छत्तीसगढ़ में अतिरिक्त प्रभार संभाल रहीं राज्यपाल नें शपथ पत्र पढ़ा और विधायक कवासी लखमा नें राज्यपाल को सुनकर शपथ पत्र दोहराया |
किसान नेता लखमा स्कूल का दर्शन नहीं किए, घूम चुके हैं कई देश :
एससी समाज से आने वाले कांग्रेसी विधायक कवासी लखमा की पहचान एक बड़े किसान नेता के रूप में है | इसीलिए छत्तीसगढ़ के गठन के बाद वो विधायक बन रहे हैं |
हालांकि विधायक जी नें कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा है लेकिन इसके बावजूद भी कई देशों की यात्राएं कर चुके हैं | आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड व सिंगापुर जैसे देशों में घूम चुके विधायक जी छत्तीसगढ़ में मंत्री पद की कुर्सी संभालेंगे |
हालांकि लोकतंत्र में सबको चुनाव लड़ने की आजादी है लेकिन एक प्रश्न तो लोकतंत्र से पूंछा ही जाएगा कि जो मंत्री शपथ पत्र नहीं पढ़ पाए वो जनता की भलाई किस प्रकार से करेंगे ?