भोपाल (एमपी) : JEE मेन में कमलनाथ सरकार द्वारा EWS सर्टिफिकेट नहीं दिए जाने से गरीब सवर्णों को आरक्षण नहीं मिलेगा |
JEE मेन 2019 का रिजल्ट पिछले दिनों ही नेशनल टेस्टिंग एजेंसी NTA नें जारी किया है अब JEE एडवांस के लिए शुक्रवार 3 मई से रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो चुका है | लेकिन राज्य के EWS कटेगरी वाले बच्चों को SC/ST/OBC आरक्षण की तरह EWS आरक्षण नहीं मिल पाएगा जबकि इस परीक्षा में इस आरक्षण का प्रावधान है |
इसका कारण सीधा सा है क्योंकि एमपी में जनवरी 2019 में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पारित EWS आरक्षण कमलनाथ सरकार द्वारा नहीं लागू किया गया | इसीलिए यहाँ के राजस्व अधिकारी EWS वालों को यह कहकर वापस भेज देते हैं कि सरकार की तरफ से कोई आदेश ही नहीं है तो हम क्या करें ?
लेकिन आपको बता दें कि JEE एडवांस में रजिस्ट्रेशन 3 मई से 9 मई तक ही होना है और EWS आरक्षण लेने के लिए फार्म के साथ EWS सर्टिफिकेट देना होता है और वो है ही नहीं यानी राज्य के गरीब सवर्णों को मिला हुआ आरक्षण नहीं मिलेगा |
बच्चों के साथ अभिभावक इस खड़ी दोपहरी में अफसरों की बातें, सड़क की धूल-मिट्टी खाने को मजबूर हो रहे हैं लेकिन फ़ायदा कुछ मिलने वाला नहीं है क्योंकि अफ़सर भी मजबूर हैं जबतक कमलनाथ जी का आदेश नहीं आएगा तब तक वो क्यों बनाएंगे |
इधर उन हजारों हजार छात्रों के लिए सदमे और दुःख की बात ये है कि उनका नाम JEE मेन में EWS कटेगरी में आ गया लेकिन उसका लाभ लेने के लिए इसका सर्टिफिकेट कमलनाथ सरकार नें नहीं दिए यानी इंजीनियरिंग करने का सपना सरकार की भेट चढ़ गया |
लेकिन यही कमलनाथ सरकार नें सत्ता में आते ही वोटबैंक को देखते हुए OBC आरक्षण को 14% से उछालकर 27% पहुँचा दिया | लेकिन गरीब सवर्णों का आरक्षण उनकी सरकार नें फ्रीज में ठंडा होने के लिए रखा दिया है |
आपका प्रयास सराहनीय है। कृपया ग्रामीण विकास से संबंधित लेख भी प्रसारित करें, क्योंकि आज भी 69% आबादी ग्रामीण और 31% आबादी शहरी है। देश के समस्त संसाधनों का दोहन 31% आबादी वाले 70% करते हैं और 69% आबादी को मात्र 30% ही उपलब्ध करा रही है सरकार। अगर इस ओर प्रयास किये जायेंगे तो हो सकता है सरकार 50%-50% संसाधनों का उपयोग शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में उपलब्ध हो।
#जय_सियाराम।
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