इसके आगे मंत्री ने मुग़ल आक्रांता औरंगज़ेब द्वारा भारतीय संस्कृति को चोंट देने वाली विचारधारा पर भी प्रहार किया, उन्होंने कहा कि “औरंगजेब अपनी क्रूरता-जुल्म के चलते खलनायक बन गया वहीं भारतीय संस्कारों से सराबोर दारा शिकोह भारतीय जनमानस के लिए नायक बन गए। दारा शिकोह भारत की संस्कृति-संस्कार में रचे-बसे ऐसे संदेशवाहक बनें जिन्होंने दुनिया को हिंदुस्तान की संस्कृति-संस्कार को समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।”
While Aurangzeb was “symbol of terrorism”, Dara Shikoh was “identity of nationalism”. The influence of teachings of Sufi saint Moinuddin Chishti and his interaction with Maharishsis, Sanyasis gave rise to entire personality of Dara Shikoh. pic.twitter.com/R5gyoAVx0f
— Mukhtar Abbas Naqvi (@naqvimukhtar) September 11, 2019
नक़वी नें विद्वान दारा शिकोह के राष्ट्रवादी गुणों की पहचान दिलाते हुए कहा कि “औरंगजेब आतंकवाद का प्रतीक था जबकि दारा शिकोह राष्ट्रवाद की पहचान थे। सूफी संत मोईनुद्दीन चिश्ती की शिक्षा के प्रभाव एवं महर्षियों, सन्यासियों की संगत और संस्कार ने दारा शिकोह की संपूर्ण शख्सियत को जन्म दिया।”