अजितेश का MLA के घर उठाना-बैठना था, पर सहानुभूति के लिए दलित एंगल जोड़ा: पत्रकार निशांत चतुर्वेदी

बरेली (UP) : एंकर निशांत चतुर्वेदी नें कहा कि विधायक के घर में अच्छे संबंधों के बाद भी अजितेश नें दलित एंगल जोड़ा जोकि गलत था |

बुधवार से अचानक एक सोशल मीडिया में वीडियो वायरल किया जाता है जिसमें यूपी के बरेली से विधायक राजेश मिश्र की बेटी मीनाक्षी मिश्रा अपने पति अजितेश कुमार के साथ भागकर शादी करने की कथा कहानी बताती है | बेटी पिता सहित घरवालों द्वारा जान से मारने की धमकी का आरोप लगाती है और इसके बाद का काम TRP नें खेल डाला |

मीडिया नें इस केस में वायरल वीडियो में सिर्फ़ लड़के के दलित होने की बात को पकड़ा और लगातार ब्रेकिंग न्यूज़ बनाकर लड़की के माँ-बाप, भाई-बहन व रिश्तेदारों को एकतरफा कठघरे में खड़ा कर दिया गया |

कई मीडिया नें खबर में चलाया कि “लड़की ब्राह्मण थी लेकिन लड़का दलित है और ये बात विधायक जी को अच्छी नहीं लगी और वो बेटी के प्यार के विलेन बन गए |”  कुल मिलाकर ये खबर दलित बनाम ब्राह्मण करके पूरे ब्रह्माण्ड में घूम गई | बची घर में बीमार माँ, तीन संतानों की जिम्मेदार उठाने वाला बाप और भाई |

जब पहले मीडिया नें लड़की के बाप से सवाल पूछे तो उन्होंने कहा कि “मीडिया नें गलत दिखाया, लड़की बालिग है वो जहाँ चाहे शादी करे पर खुश रहे |”

मीडिया नहीं मानी कल शाम से TV चैनलों नें इसी मुद्दे पर डिबेट कराई और हर तरफ़ बाप को घसीटने लगे और बार-बार वही प्रश्न पूछा | उन्होंने जवाब दिया “मेरा मीडिया से अनुरोध है कि मुझे इस तरह न दिखाएँ वरना आत्महत्या कर लूँगा, बेटी की माँ बीमार है TV देखकर वो और परेशान हो रही है |”

आगे पिता कहते हैं कि “लड़का (अजितेश) नें दलित कार्ड खेला है और मीडिया नें इसे ही तूल दिया है |”

इधर आजतक के एक वरिष्ठ पत्रकार व एंकर निशांत चतुर्वेदी नें कल रत में ही फ़ेसबुक लाइव के जरिए इस विषय पर व्यापक चर्चा की सभी के पक्षों को एक एक करके गिनाया और भगाकर शादी करने को उन्होंने गलत कदम माना और लड़के के दलित कार्ड पर उन्होंने लड़के को ही खरी खोटी सुना डाली |

निशांत नें कहा कि “भले ही अजितेश नें इसमें दलित एंगल जोड़ा हो पर वो गलत है, अजितेश की ख़ुद की टाईल शॉप है, पिता जी बैंक में नौकरी करते हैं और वो काफ़ी संपन्न परिवार से हैं |”

इसके आगे उन्होंने कहा कि “विधायक राजेश मिश्रा के यहाँ अजितेश का काफ़ी अच्छी तरह उठाना-बैठना था वो लड़की के भाई विकी का काफ़ी अच्छा दोस्त था उसकी अंदर तक पहुंच थी फिर भी इसमें दलित एंगल जोड़ना गलत है इसका मतलब है कि कहीं-कहीं आपको सहानुभूति चाहिए थी |”

पाठकों की अधिक सहूलियत के लिए निशांत चतुर्वेदी का यह वीडियो बयान जिसे उन्होंने फ़ेसबुक लाइव किया था उसे नीचे इम्बेड कर दिया है और आप उनकी बातें इसमें सुन सकते हैं :

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