नई दिल्ली: एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रभावशाली दलित जातियाँ भारत बंद का आव्हान कर रही हैं। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) इस बंद की मुख्य भूमिका में है, और अन्य दलित जातियाँ भी इसका समर्थन कर रही हैं। ओबीसी और सवर्ण समाज के संगठन भी इस बंद का समर्थन कर रहे हैं, और सोशल मीडिया पर इनके समर्थन पत्र वायरल हो रहे हैं। यह डोमिनेंट दलित जातियाँ 21 अगस्त को भारत बंद करने का दम भर रही हैं।
जबरदस्ती बंद कराने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
हालांकि, जिला और पुलिस प्रशासन का कहना है कि कोई आधिकारिक भारत बंद नहीं है। व्यापारियों को सलाह दी गई है कि वे अपने कामकाज को जारी रखें और लोगों से अपील की गई है कि वे अपनी सामान्य दिनचर्या बनाए रखें। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया है ताकि किसी भी जबरदस्ती बंद कराने की कोशिश को रोका जा सके। सोमवार को कलेक्ट्रेट में एडीएम टीएन सिंह ने पुलिस अधिकारियों और दलित जातियों के प्रतिनिधियों से बैठक की। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई जबरन बंद कराने का प्रयास करेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
2018 में भारत बंद के दौरान भड़की हिंसा की झलक
2018 में एससी-एसटी मुद्दे पर भारत बंद के दौरान कई जगहों पर हिंसा भड़की थी। विशेषकर मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में इस हिंसा का असर गंभीर था, जिसमें 5 लोगों की मौत और कई लोग घायल हुए थे। इस बार, खुफिया एजेंसियां बंद का आव्हान करने वाली जातियों की जानकारी जुटा रही हैं और दंगा प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है।
प्रभावशाली दलित जातियाँ कलेक्ट्रेट पर देंगे एक पत्र
प्रभावशाली दलित जातियाँ 21 अगस्त को शांतिपूर्ण तरीके से बंद कराने और कलेक्ट्रेट जाकर एक पत्र सौंपने की योजना बना रही हैं। रूपेश कैन, प्रदेश उपाध्यक्ष/आजाद समाज पार्टी, ने कहा, “हम ग्वालियर में शांतिपूर्ण बंद कराएंगे और कलेक्ट्रेट जाकर एक पत्र सौंपेंगे।” सतीश मंडेलिया, कार्यवाहक अध्यक्ष/बसपा ग्वालियर, ने बताया, “हम झलकारी बाई पार्क से सुबह 10 बजे जुलूस निकालेंगे, जो अंबेडकर पार्क तक जाएगा और वहां एक पत्र देंगे।”
सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी
प्रशासन ने 21 अगस्त के लिए सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया है। पुलिस बलों की तैनाती की जा रही है और कानून व्यवस्था में किसी भी गड़बड़ी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने सभी जातियों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील की है और चेतावनी दी है कि यदि कोई जबरदस्ती बंद कराने की कोशिश करेगा, तो उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।