//

भीम आर्मी ने वीडियो शेयर कर कहा “सवर्ण पिला रहे दलित को अपना पेशाब”, पुलिस ने कहा पिलाने वाला आदिवासी था

बाड़मेर: समाज में एक बार फिर दलितों के ऊपर हुए गंभीर अपराधों के फर्जी आरोपों को सवर्णो से जोड़ते हुए देश में अशांति फ़ैलाने का प्रयास किया गया। अशांति फ़ैलाने में सबसे आगे भीम आर्मी के पूर्व नेता कुश अम्बेडकरवादी व कई अन्य भीम आर्मी पदाधिकारी रहे।

दरअसल बीते कुछ घंटे पहले कुश अम्बेडकरवादी ने एक वीडियो शेयर कर एक दलित को राजस्थान के बाड़मेर में पेड़ से बाँध कर पेशाब पिलाने के प्रकरण का वीडियो वायरल किया। वीडियो का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा “राजस्थान में दलित उत्पीड़न चरम पर है। बाढ़मेर में एक दलित समाज के व्यक्ति को खम्बे से बांधकर पेशाब पिलाने की घटना स्तब्ध कर देने वाली है लेकिन न्याय की उम्मीद किससे करें ?” जिसके बाद देखते ही देखते वीडियो आग की तेजी से फ़ैल गयी व ट्विटर पर घंटो में #दलितो_का_दुश्मन_गहलोत ट्रेंड करने लग गया।

वीडियो जब हमारे हाथ लगी तो युवक के साथ हो रहे बर्ताव को देख कर हमारे भी होश उड़ गए। वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि कैसे एक युवक को बोतल में भर कर सभी गांव वालो के सामने पेशाब पिलाई जा रही है। परन्तु वीडियो के साथ किये जा रहे दावों के लिए हमने घटना स्थल के पास की छोट्टन पुलिस चौकी का रुख किया। पुलिस कर्मियों से बात कर व अन्य गाँव वालो से जानकारी ले हमें सच्चाई का पता चला जो किये जा रहे दावों से कोसो दूर थी।

दरअसल घटना बाड़मेर में तीन दिन पहले घटित हुई थी। जहाँ पेशाब पिलाने वाला व पीड़ित दोनों एक ही परिवार के सदस्य है। साथ ही आरोपी व पीड़ित में से कोई भी दलित समाज से नहीं आता है।

अधिक जानकारी जुटाने पर हमने पाया कि घटनाक्रम अवैध संबंधों के चलते हुई है। पीड़ित व्यक्ति रात में किसी के घर में घुसा था और उसी समाज की औरत से गलत तरीके से पेश आया। महिला के साथ गलत सोच के साथ दाखिल हुए व्यक्ति को पकड़ लिया गया। जिसके बाद उनके ही परिवार के लोगो ने ऐसे कृत्य को अंजाम दिया। वहीं दोनों ही पक्ष भील जाति के हैं।

साथ ही बाड़मेर के एसपी ने हमें बताया कि वीडियो वायरल होने के बाद उन्होंने मामले को संज्ञान में लिया था। दोनों ही लोग एक ही परिवार से आते है। वहीं घटना हो जाने के बाद दोनों पक्षों में समझौता भी हो गया था। जिस कारण किसी ने भी शिकायत दर्ज नहीं कराई थी।

आगे एसपी आनंद शर्मा ने बताया कि घटना में कार्यवाई के लिए उन्होंने पुलिस टीम को मौके पर भेजा है। मामला महिला के साथ अवैध सम्बन्ध से जुड़ा है। दोषियों के खिलाफ जल्द कार्यवाई की जाएगी।

वहीं इस फर्जी वीडियो के माध्यम से घंटे भर में एक बार फिर पुरे सवर्ण समाज को कटघरे में खड़ा कर दिया गया था। जिसमे सबसे अधिक योगदान भीम आर्मी नेताओ का रहा था।

इनमे से एक ब्लू टिक धारी भीम आर्मी नेता सूरज बौद्ध ने समाज में द्वेष फ़ैलाने के उद्देश्य से लिखा कि “SC समुदाय के व्यक्ति को पेशाब पिलाया जा रहा वीडियो देखकर मन बहुत ही व्यथित है। कांग्रेस और भाजपा में रत्ती भर फर्क नहीं। गहलोत सरकार में जातीय आतंकियों को खुला संरक्षण है। राजस्थान SC कौम के लिए कत्लगाह बन चुका है। गहलोत सरकार की बर्खास्तगी बहुत ही जरूरी है।”

वहीं भीम आर्मी के दूसरे ब्लू टिक धारी सुनील भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने लिखा कि अगर आज बहुजन व मुस्लिमो ने एक होकर आवाज नहीं उठाई तो एक एक करके ऐसे ही हलाल होकर, आने वाली पीढ़ी को गुलाम बनने का जरिया बना देंगे।

भीम आर्मी का एक चेला तो इनसे भी आगे निकल गया। उसने इस फर्जी वीडियो का लिंक अमेरिका की अल्पसंख्यकों के लिए बनाई गयी संस्था USCIF के पेज पर ही चस्पा कर भारत पर कार्यवाई की मांग उठा डाली। ऐसी बचकानी हरकत करने वाला युवक खुद को आईआईटी का दलित इंजीनियर बता रहा है।

वीडियो में किये जा रहे दावों की हवा निकलने के बाद सनाज को यह भी सोचना पड़ेगा कि क्या मीडिया ने हमारे दिमाग में फर्जी दलित अत्याचारों को इतना भर दिया है कि हम इसको बिना जांचे ही सत्य मान लेते है ? वहीं दलितों द्वारा दबंगई की खबरों की सत्यता पर सवाल उठाने से भी नहीं चूकते है।

खैर ऐसी घटनाओ के माध्यम से अपनी राजनीती चमकाने वाले ऐसे दलित नेताओ पर कोई कार्यवाई तो होने से रही। बाकि दलितों को खुद आगे आकर ऐसे नेताओ का त्याग करना चाहिए।


Donate to Falana Dikhana: यह न्यूज़ पोर्टल दिल्ली विश्विद्यालय के मीडिया छात्र अपनी ‘पॉकेट मनी’ से चला रहे है। जहां बड़े बड़े विश्विद्यालयों के छात्र वामपंथी विचारधारा के समर्थक बनते जा रहे है तो वही हमारा पोर्टल ‘राष्ट्रवाद’ को सशक्त करता है। वही दिल्ली विश्विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ रहे हमारे युवा एडिटर्स देश में घट रही असामाजिक ताकतों के खिलाफ लेख लिखने से पीछे नहीं हटते बस हमें आशा है तो आपके छोटे से सहयोग की। यदि आप भी हम छात्रों को मजबूती देना चाहते है तो कम से कम 1 रूपए का सहयोग अवश्य करे। सादर धन्यवाद, ‘जयतु भारतम’

                                                                                  

Why Harsh Meena is writing this piece?
Harsh Meena is a student of journalism at the University of Delhi. He reads and writes Dalit politics for exposing the venom spread by the so-called Dalit organizations. Besides, he is known for being vocal about the forceful conversions of the Hindu Dalits. Fun Fact, Dalit organizations hate him for exposing their nexus with Jay Meem!

+ posts

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

अमेरिका के मशहूर ‘टाइम्स स्क्वॉयर’ में लगीं भगवान राम व राम मंदिर की 3D तस्वीरें !

Next Story

नई शिक्षा नीति का कांग्रेस नेत्री ने किया समर्थन, बोलीं- ‘कठपुतली जैसे सिर हिलाने से ज्यादा तथ्यों पर बात’

Latest from Falana Report