भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के आसपास के 10 गांवों में एक हजार महिलाएं 15 लाख दीये बनाने के काम में जोर – शोर से जुटी हैं। ये दीये अयोध्या भी जाएंगे।
ये सुगंधित दीये गोबर से बनाए जा रहे हैं। इन दीपकों को नदियों में बहाने पर पानी प्रदूषित नहीं होगा। ये स्वतः पानी में घुल जाएंगे। हर दीये में भगवान राम के नाम को भी अंकित किया गया है।
जानकारी के मुताबिक स्व सहायता समूह के समर्थन ग्रुप द्वारा बनाए जा रहे इन दीपकों को बनाने का ऑर्डर जिला पंचायत के आजीविका मिशन के जरिए साईं माध्यम द्वारा दिया गया है।
भोपाल जिले की स्व सहायता समूह की दीदियों के द्वारा बनाए गए 15 लाख इको फ्रेंडली दीये अयोध्या और मथुरा भेजने के लिए बना रहीं हैं।
जिले के कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि जिले की स्व सहायता समूह की दीदियों के द्वारा बनाए गए 15 लाख इको फ्रेंडली दीये अयोध्या और मथुरा भेजने के लिए बना रहीं हैं।
ये दीये स्व सहायता समूह 1000 बहनों द्वारा तैयार किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि 15 लाख दीये गोबर, मुल्तानी मिट्टी और आटा के मिश्रण से बनाए जा रहे हैं। यह दीये पर्यावरण समर्थक हैं और पर्यावरण के प्रति सजगता के प्रत्येक भी हैं।
उन्होंने कहा कि यह हमारे स्व सहायता समूहों के सशक्तिकरण का प्रतीक है। वह सक्षम हैं कि अपने इस कार्य को आगे बढ़ाएं और अपनी जीविका का उपार्जन करें।
अब बाजार बैठकी नहीं ली जाएगी
कलेक्टर ने पहल करते हुए ग्रामीण शिल्पकारों के उत्पादों जैसे दियों आदि की बिक्री को प्रोत्साहन देने के लिए नगरीय निकायों से किसी भी तरह का कर यानि बाजार बैठकी नहीं वसूलने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर ने मिट्टी के समान विक्रय और व्यापार के लिए जिले और तहसील स्तर पर दुकान लगाने के लिए ग्रामीण शिल्पकारों को छूट दी हैं। जिले में सभी जगहों पर मिट्टी का सामान विक्रय करने के लिए उन्होंने स्वागत द्वार जैसे खोल दिए है।
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि भोपाल जिले में मिट्टी के दिए विक्रय किये जाने हेतु आन-जाने वालों को किसी प्रकार की कोई असुविधा नही होगी, ना ही उनसे कर वसूली की जायेगी, मिट्टी के दिए के उपयोग को प्रोत्साहित भी किया जाएगा।