छत्तीसगढ़ नेता प्रतिपक्ष के बेटे को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, दुष्कर्म और एससी एसटी एक्ट के तहत दर्ज FIR की रद्द

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने विधानसभा चुनाव से पहले नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बेटे पलाश चंदेल को दोषमुक्त करते हुए उनके खिलाफ दर्ज दुष्कर्म और एससी एसटी एक्ट के मुकदमे को रद्द कर दिया हैं। बता दे कि नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बेटे पलाश चंदेल के खिलाफ इसी वर्ष जनवरी में एक आदिवासी महिला ने दुष्कर्म करने और जबरन गर्भपात कराने का आरोप लगाया था, जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी थी।

खुद को निर्दोष बताते हुए खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

आपको बता दे कि जांजगीर-चांपा जिले की रहने वाली शिकायतकर्ता महिला ने पुलिस को शिकायती आवेदन देकर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बेटे पलाश चंदेल पर आरोप लगाया था कि वर्ष 2018 में फेसबुक के माध्यम से उसकी दोस्ती पलाश के साथ हुई थी, जहां पलाश ने शादी का झांसा देकर लंबे समय तक उसका शारीरिक शोषण किया। इतना ही नहीं महिला ने यह भी आरोप लगाया कि लंबे समय तक शारीरिक शोषण के बाद जब वह 2021 में गर्भवती हो गई तो पलाश ने धोखे से गर्भपात की दवा खिलाकर उसका गर्भपात करा दिया।

जिसके बाद पुलिस ने इस पूरे मामले में 6 अप्रैल की रात पलाश को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन गिरफ्तारी के बाद पलाश ने खुद को निर्दोष बताते हुए हाईकोर्ट का दरवजा खटखटाया। जहां से उन्हें 25 हजार रुपये के बाॅण्ड पर अग्रिम जमानत मिल गई, हालांकि पूरा मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन था। जिसके बाद बीते दिनों 21 सितंबर को न्यायमूर्ति राकेश मोहन पाण्डेय की एकल बैंच ने सुनवाई के दौरान पलाश चंदेल को कथित दुष्कर्म और एससी एसटी एक्ट के सभी आरोपों से बरी कर दिया और साथ ही दर्ज एफआईआर और जांच प्रक्रिया को भी निरस्त करने का आदेश दिया हैं।

हालांकि हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राकेश मोहन पाण्डेय की एकल पीठ ने पलाश चंदेल के खिलाफ मारपीट की धारा 323 के तहत निचली अदालत को आवश्यक कदम उठाने संबंधी दिशा निर्देश दिए हैं।

+ posts

Kapil reports for Neo Politico Hindi.

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

झारखंड हाईकोर्ट का बड़ा बयान, कहा Sc-St एक्ट व्यक्तिगत दुश्मनी निभाने का साधन नहीं, मुकदमा किया रद्द

Next Story

UP में फिर बढ़ी ब्राह्मणों की हत्या, अब डॉक्टर को बेरहमी से पीटकर उतारा मौत के घाट

Latest from राहत