लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पार्टी नेतृत्व ने उन्हें अनुशासनहीनता के आरोपों के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी द्वारा भेजा गया है, जिसमें विधायक से सात दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया है। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि अगर जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
पार्टी विरोधी बयानबाजी बनी नोटिस की वजह
बीजेपी के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला के अनुसार, नंदकिशोर गुर्जर द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर सरकार की आलोचना की जा रही थी। उनके बयानों और कृत्यों से पार्टी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच रहा था, जिसे अनुशासनहीनता के रूप में देखा गया। नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि विधायक गुर्जर ने अपने बयानों और कार्यों से पार्टी की छवि धूमिल की है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के निर्देशानुसार, उन्हें सात दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया है। यदि वह उचित स्पष्टीकरण नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है。
कलश यात्रा के दौरान पुलिस से धक्का-मुक्की
हाल ही में विधायक नंदकिशोर गुर्जर द्वारा बिना अनुमति के निकाली गई कलश यात्रा विवादों में आ गई थी। पुलिस ने जब यात्रा को रोकने की कोशिश की, तो दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की हो गई। इस झड़प के दौरान विधायक गुर्जर के कपड़े फट गए। लोनी बॉर्डर थाना प्रभारी हरेंद्र मलिक ने आरोप लगाया कि इस दौरान उनके साथ अभद्रता की गई। विधायक ने भी मंच से राज्य के मुख्य सचिव और कमिश्नर को चुनौती दी। उन्होंने कहा, ‘रामकथा के बाद कोई भी जगह तय कर लेना, तेरी गोली होगी और हमारे सीने होंगे।’ बीजेपी नेतृत्व विधायक गुर्जर के लगातार पार्टी विरोधी बयान देने से नाराज है। उन्होंने कई मौकों पर सरकार की आलोचना की, जिससे पार्टी की छवि प्रभावित हुई।