बूंदी: राजस्थान के बूंदी(Bundi) जिले में एक कथित फर्जी एससी एसटी एक्ट(SC-ST Act) के मामले को रफा दफा करने के लिए 30 हज़ार रूपए की रिश्वत(Bribe) मांगने का प्रकरण सामने आया है। दरअसल बूंदी जिले के मोहनलाल के खिलाफ गांव के ही शिवराज मीणा ने धारा 3 एससी/एसटी एक्ट में झूठा मुकदमा दर्ज करवाया था। जिसकी जांच डिप्टी घनश्याम वर्मा(Ghanshyam Verma) कर रहे हैं।
आरोप है कि मामले में एफआर लगाने के एवज में घनश्याम वर्मा मोहनलाल से 30 हज़ार की रिश्वत अपने रीडर हरेंद्र (हेड कॉन्स्टेबल) के माध्यम से मांग रहे थे। जिसकी शिकायत मोहनलाल के छोटे भाई ने एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) कोटा की टीम से की थी। प्रथम दृष्टया आरोपों को सही पाते हुए ACB टीम ने जाल बिछाकर दलाल को रंगे हाथ 30 हज़ार की रिश्वत लेते पकड़ लिया।
कर्ज लेकर रिश्वत देने आया था परिवादी
परिवादी मोहनलाल 3 रूपए सैंकड़ा के हिसाब से ब्याज पर पैसा लेकर देने आया था। हालाँकि रिश्वत बाद में 25 रूपए में तय हुई थी। जहां शिकायत के मुताबिक ACB टीम ने जाल बिछाकर दलाल प्रेमशंकर को रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया।
एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) कोटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील ने बताया परिवादी गिरिराज प्रसाद (22) निवासी लबान तहसील इंद्रगढ़ जिला बूंदी ने शिकायत दी थी कि उसके बड़े भाई मोहनलाल से DSP 30 हज़ार की रिश्वत मांग रहे है। जिसके बाद ACB ने गुप्त सत्यापन में इसे सही पाते हुए जाल बिछाया था। ACB टीम ने दलाल को रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़ लिया है।
वहीं ट्रैप की सूचना लगते ही हैड कांस्टेबल फरार हो गया। ACB की टीम DSP की भूमिका की भी जांच कर रही है।
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