पटना: एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति पारस को मोदी कैबिनेट में जगह मिलने के फैसले पर आपत्ति जताई है।
आज शाम 6 बजे नई दिल्ली में होने वाले कैबिनेट विस्तार से पहले एलजेपी की एक और कलह सामने आई है। चिराग पासवान का मानना है कि उनके चाचा को मोदी कैबिनेट में शामिल न किया जाए। इस मद्देनजर आज उन्होंने जारी किए बयान में कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी ने आज लोकसभा अध्यक्ष के प्रारम्भिक फ़ैसले जिसमें पार्टी से निष्कासित सांसद पशुपति पारस को लोजपा का नेता सदन माना था के फ़ैसले के ख़िलाफ़ आज दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है।
आगे उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा पार्टी से निकाले गए सांसदों में से पशु पति पारस को नेता सदन मानने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी ने लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष उनके फ़ैसले पर पुनः विचार याचिका दी थी जो अभी भी विचाराधीन है।
कैबिनेट विस्तार पर चिराग ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के इस अधिकार का पूर्ण सम्मान है कि वे अपनी टीम में किसे शामिल करते हैं और किसे नहीं। लेकिन जहां तक LJP का सवाल है पारस हमारे दल के सदस्य नहीं हैं। पार्टी को तोड़ने जैसे कार्यों को देखते हुए उन्हें मंत्री, उनके गुट से बनाया जाए तो LJP का कोई लेना देना नहीं है।
अंत में उन्होंने कहा कि पार्टी विरोधी और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने के कारण लोक जनशक्ति पार्टी से पशुपति कुमार पारस को पहले ही पार्टी से निष्काषित किया जा चुका है और अब उन्हें केंद्रीय मंत्री मंडल में शामिल करने पर पार्टी कड़ा ऐतराज दर्ज कराती है।