नई दिल्ली: नई शिक्षा नीति पर कांग्रेस की महिला नेता ने मोदी सरकार का समर्थन कर आईना दिखाया है।
नई शिक्षा नीति को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो चुकी है जहां कई लोग सरकार से सहमत हैं तो कुछ असहमत। इसी कड़ी में साउथ से कांग्रेस की महिला नेता व अभिनेत्री खुशबू सुंदर ने भी नीति का समर्थन किया है।
खुशबू ने कांग्रेस से अलग राय रखते हुए कहा कि “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर मेरी अपनी पार्टी से राय अलग है और मैं राहुल गांधी जी से इसे लेकर माफी भी मांगती हूं लेकिन मैं कठपुतली या रोबोट की तरह सिर हिलाने से ज्यादा तथ्यों पर बात करना पसंद करूंगी। अपने नेता से हम हर चीज पर सहमत नहीं हो सकते, लेकिन बतौर नागरिक बहादुरी से अपनी राय या विचार रख सकते हैं।”
My stand on #NEP2020 differs from my party n I apologize to @RahulGandhi ji for that, but I rather speak the fact than be a head nodding robot or a puppet. Everything is n cannot be about agreeing to ur leader, but about being courages to voice ur opinion bravely as a citizen ..
— KhushbuSundar ❤️ (@khushsundar) July 30, 2020
आगे कांग्रेस नेत्री ने कहा कि “राजनीति केवल शोर मचाने के लिए नहीं होती है। यहां साथ मिलकर काम करना होता है। भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री कार्यालय को इसे समझना होगा। विपक्ष होने के नाते हम इस पर विस्तार से देखेंगे और खामियों को बाहर लाएंगे। भारत सरकार को नई शिक्षा नीति से जुड़ी खामियों को लेकर हर किसी को विश्वास में लेना चाहिए।”
Politics is not only about making noises, its also about working together. And @BJP4India @PMOIndia has to understand this. We as oppositions, will look into it in detail n point out the flaws, its the GOI who has to take everyone in confidence n work on the flaws. #NEP2020
— KhushbuSundar ❤️ (@khushsundar) July 30, 2020
शिक्षा नीति के साथ साथ जनसंख्या नीति: एंकर चित्रा त्रिपाठी
एंकर चित्रा त्रिपाठी ने अपनी मांग में कहा कि “नई शिक्षा नीति में ग्रेजुएशन तक की अनिवार्य फ़्री शिक्षा होनी चाहिये थी, प्राइवेट स्कूल में सख़्ती से फ़ीस पर लगाम कसनी चाहिये थी। और सबसे ज़्यादा जरुरी- वननेशन वन एजुकेशन क्यों नहीं ? 34 साल बाद भी ऐसा नहीं हुआ !”
शिक्षा नीति के बाद एंकर चित्रा ने देश में जनसंख्या नीति लागू करने पर भी जोर दिया। उन्होंने बयान में जोड़ते हुए कहा कि “और शिक्षा नीति के साथ-साथ जनसंख्या नीति भी बन जाये।”
और शिक्षा नीति के साथ-साथ #जनसंख्या_नीति भी बन जाये. https://t.co/BpQnV6wLdl
— Chitra Tripathi (@chitraaum) July 30, 2020
नई शिक्षा नीति में अंग्रेजियत को स्वदेशी से कम जगह:
29 जुलाई को आयोजित केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कई फैसले लिए गए। जिसमें शिक्षा नीति सबसे महत्वपूर्ण था क्योंकि क़रीब तीस साल बाद नई शिक्षा नीति को मंजूरी मिली है।
इसके तहत अब उच्च शिक्षा के लिए एक ही नियामक संस्था होगी और नई नीति में भी तीन भाषाई फ़ार्मूला लागू रहेगा। नई शिक्षा नीति में 5वी कक्षा तक अंग्रेज़ी की पढ़ाई नही कराई जाएगी। इस दौरान हिंदी व अन्य भाषाओं पर जोर रहेगा। ज्ञात हो कि रूस और चीन जैसे अग्रणी देश भी अँग्रेज़ी को महत्व नही देते है।
Union Cabinet approves new education policy, to be announced today.
— ANI (@ANI) July 29, 2020
इसके अलावा इस निर्णय से मानव संसाधन मंत्रालय का नाम भी बदल जाएगा अब इसकी जगह शिक्षा मंत्रालय नाम होगा।
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