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आंबेडकर यूनिवर्सिटी : सवर्ण छात्रों को हॉस्टल में दलित छात्रों ने पूजा करने से रोका, कहा “कॉलेज से कटवा लो नाम वरना मार दिए जाओगे”

उत्तर प्रदेश (लखनऊ) :- लखनऊ के नामचीन विश्विद्यालयों में से एक कहे जाने वाली बाबा भीम राव आंबेडकर यूनिवर्सिटी में एक बार फिर से सवर्ण छात्रों को दलित छात्रों द्वारा धमकाने की खबरे तूल पकड़ने लगी है।

दरसल यूनिवर्सिटी के ही सिद्धार्थ हॉस्टल में रहने वाले सात सवर्ण छात्रों ने कहा की उन्हें दलित छात्रों ने हॉस्टल परिसर में पूजा न करने के लिए धमकाते है व उनके पूर्वजो को भद्दी भद्दी गालिया देते हुए कहते है की “यह यूनिवर्सिटी सिर्फ दलितों के लिए है तुम यहाँ से अपना एडमिशन कटवा लो, मारे जाओगे”।


प्रशासन को लिखित शिकायत करते हुए एक स्वर्ण छात्र ने कहा की आंबेडकर यूनिवर्सिटी दलित स्टूडेंट यूनियन के सदस्य छात्रों ने उन्हें हॉस्टल छोड़ने के लिए, पूजा करने के लिए रोका व उनके कमरे में घुसकर पहले धमकाया फिर उनका लैपटॉप उठाकर फेक दिया।

डीन, स्टूडेंट वेलफेयर बी एस भदौरिया के कहा की “एक सामान्य वर्ग के छात्र ने दो लिखित शिकायत करते हुए आंबेडकर यूनिवर्सिटी दलित छात्र संघ(AUDSU) के सदस्य छात्रों द्वारा सवर्ण छात्रों का शोषण करने का आरोप लगाया है। वही साथ ही एक अन्य पीएचडी के छात्र ने AUDSU के खिलाफ लगातार स्वर्ण छात्रों को परेशान करने की लखित में शिकायत दर्ज कराई है ।

छात्रों के परिजनों ने भी शिकायत कर छात्रों के हॉस्टल बदलने की मांग की है”। साथ ही उन्होंने कहा की छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए हमने उनके हॉस्टल बदलने का फैसला किया है ।



प्रॉक्टर राम चंद्र से बातचीत करने पर हमें पता चला की आरोपी छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है और उन्हें उचित दंड दिया जायेगा। आपको बताते चले की बीते कुछ सालो से सवर्ण छात्रों पर हमले विश्विधालय में ज्यादा बढ़ गए है ।

यूनिवर्सिटी में ही पढ़ने वाले अन्य सवर्ण छात्रों से फ़ोन पर बातचीत करने पर छात्रों ने बताया की यूनिवर्सिटी सवर्ण छात्रों के लिए किसी काले सपने से कम नहीं है आये दिन उन्हें यहाँ जान से मरने की धमकी मिलती है व फर्जी एससी एसटी केस में फ़साने की धमकी अन्य दलित छात्र देते रहते है ।

AUDSU के सदस्य छात्र बसंत कनौजिया के कहा की “सारे लगाए गए आरोप बेबुनियाद है जिन सवर्ण छात्रों को सिद्धार्थ हॉस्टल मिला हुआ था वह छात्र कभी अपने कमरों में रहते ही नहीं थे।इसलिए कुछ छात्र उन्हें उनके कमरों में समझाने गए थे जहा उन्होंने किसी के साथ कोई भेदभाव जनक रवैया नहीं अपनाया था”।

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