नई दिल्ली: दलित जिन्होंने धर्मांतरण कर इस्लाम या ईसाई धर्म अपना लिया है उन्हें आरक्षण की सुविधा नहीं दी जाएगी।
दरअसल गुरुवार को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि इस्लाम धर्म या ईसाई धर्म में धर्मांतरित हो चुके दलित अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों से संसदीय या विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पात्र नहीं होंगे, और अन्य आरक्षण लाभों का दावा नहीं कर सकते हैं।
हालांकि, प्रसाद ने भाजपा सदस्य जी वी एल नरसिम्हा राव के एक सवाल के जवाब में स्पष्ट किया कि हिंदू, सिख और बौद्ध धर्म अपनाने वाले लोग अनुसूचित जाति के आरक्षित सीटों से चुनाव लड़ने और अन्य आरक्षण लाभ पाने के लिए पात्र होंगे।
आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ने की पात्रता पर बोलते हुए, कानून मंत्री ने कहा, “संविधान के 3 पैरा (अनुसूचित जाति) आदेश की रूपरेखा है कि … कोई भी व्यक्ति जो हिंदू, सिख या बौद्ध धर्म से अलग धर्म को मानता है, उसे अनुसूचित जाति का सदस्य नहीं माना जाएगा।”
केंद्रीय कानून मंत्री ने हालांकि स्पष्ट किया कि संसदीय या विधानसभा चुनाव लड़ने से इस्लाम या ईसाई धर्म में धर्मांतरण करने वाले एससी / एसटी को जनप्रतिनिधित्व कानून में किसी भी संशोधन में लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
कानून मंत्री के जवाब देते समय कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह व भाजपा के राज्यसभा सांसद समीर उमराव ने भी इसी मुद्दे पर प्रश्न पूछे।