लातूर: महाराष्ट्र के लातूर जिले में कुछ दलितों द्वारा हिन्दू देवी के मंदिर को तोड़ने व विरोध करने पर लड़की के साथ मारपीट और एससी एसटी एक्ट लगाने का आरोप लगा है।
घटना जिले के किनगाव कोपरा गाँव की है जहां माँ भवानी का एक मंदिर स्थित था। आरोप है कि 12 मार्च को सरपंच, उप सरपंच बालाजी आचार्य व ग्राम सहायक करीब 20 लोगो की भीड़ के साथ जेसीबी लेकर मंदिर तोड़ने पहुंचे थे। जिसे पास ही स्थित घर में रहने वाली छात्रा सुलोचना कदम ने देखा तो आरोपियों को यह सब करने से रोका। छात्रा के जबरन मंदिर को तोड़ने का विरोध करने पर आरोपियों ने लड़की के कपड़े फाड़ दिए व उसके निजी अंगो पर कई वार किये। पीड़िता के पुरे बदन पर खरोंचे जाने के निशान है।
माँ भवानी का मंदिर तोड़ बनवाना चाहते है आंबेडकर का मंदिर
जानकारी करने पर हमें ग्रामीणों ने बताया गया कि आरोपी माँ भवानी का मंदिर तोड़ कर आंबेडकर का मंदिर बनवाना चाहते थे। जिसके चलते उन्होंने दिन दहाड़े एक मंदिर को तोड़ डाला। सभी आरोपी दलित संगठन VBA से जुड़े बताये जाते है जोकि गांव में आंबेडकर व बौद्ध मंदिर बनाने पर जोर देता है। वहीं विरोध करने पर मारपीट व एससी एसटी एक्ट के केस आम बात है।
रेप का किया प्रयास, निजी अंगो व गर्भ में किया पत्थरो से वार
पीड़िता ने बताया कि मंदिर तोड़े जाने का विरोध करने पर आरोपियों ने उसको घर में घुसकर बुरी तरह पीटा। घर में उस समय कोई भी अन्य सदस्य मौजूद नहीं था।
आरोपियों ने लड़की के निजी अंगो पर पत्थरो से वार किया जिससे उसके गर्भाशय में भारी क्षति पहुंची है। किसी तरह दिवार फांद के पीड़िता आरोपियों के चंगुल से भागने में कामयाब रही लेकिन उसके बाद उल्टा आरोपियों ने ही लड़की व उसकी माँ पर एससी एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज करा दिया।
FIR के मुताबिक एससी एसटी एक्ट का मुकदमा घटना के दो दिन बाद 14 मार्च को लिखवाया गया है।
वहीं मामले पर पुलिस व स्थानीय मीडिया ने पूरी तरह से चुप्पी साधी हुई है। घटना का पता तब लग सका जब मराठा संगठनों को मंदिर गिराए जाने की जानकारी हुई।
पीड़िता अभी स्थानीय जिला अस्पताल में भर्ती है जहां उसका इलाज किया जा रहा है।