एससी एसटी एक्ट का विरोध करने वाले देवकीनंदन गिरफ़्तार

एमपी (भोपाल) : राजनीति से कब किसकी लगन लग जाए और कब किसका मोह भंग हो जाए ये कहना बहुत मुश्किल होता है। ऐसी ही कुछ स्थितियां एमपी की सियासी गलियों में भी देखने को मिल रहा है । जहां अब नेताओं के बीच बाबाओं और धर्म आचार्यों की तल्ख़ बातें सुनने को मिल रही है ।

और इधर बात आई रविवार की जब कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर को दतिया में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया । पुलिस की मानें तो उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन किया था और बिना अनुमति दर्शन करने गए थे।

पुलिस ने किया परेशान : देवकीनंदन ठाकुर
देवकी नंदन ठाकुर की मानें तो वो दतिया स्थित मां पीताम्बरा देवी के दर्शन करने अपने भक्तों के साथ गए थे जहां उन्हें पुलिस नें गिरफ्तार कर लिया ।  ठाकुर जी नें अपनी रिहाई के बाद मीडिया से बात करते हुए पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया कि ” पुलिस प्रशासन ने उन्हें मंदिर में जाने से रोका और बहुत देर तक तंग किया और नोटिस पकड़ाया है, अरेस्ट किया । जिससे लगता है कि अब हम हिंदुओं को मंदिरों में दर्शन करने के लिए भी प्रशासन की अनुमति लेनी पड़ेगी । वहीं उनकी गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने खूब नारेबाजी की और विरोध किया जिसके कुछ देर बाद ही उन्हें रिहा कर दिया गया ।
31 अक्टूबर को एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में होगी बड़ी घोषणा :
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में पहले से ही अपने सुर ऊंचे कर चुके हैं । इसके लिए उन्होंने पहले भी सरकार को 2 महीने का अल्टीमेटम दिया था और उन्होंने कहा था कि ” अगर इस एक्ट को वापस नहीं लिया गया तो हिंदुस्तान में वो होगा जो कभी नहीं हुआ है । “
अब 31 अक्टूबर के दिन वो एक्ट के विरोध में बड़ी घोषणा करने वाले है । उनके समर्थकों की मानें तो उस दिन ठाकुर जी भोपाल में राजनीतिक रूप में कुछ नया करेंगे ।
वैसे इसके पहले भी ठाकुर जी को आगरा में गिरफ्तार किया गया था जिससे सवर्णों में काफी गुस्सा दिखा था । अब देवकीनंदन की गिरफ्तारी के बाद सवर्णों में फिर उथल पुथल मचने की आशंका है । आसार तो ये भी लगाए जा रहे हैं कि ठाकुर जी एट्रोसिटी एक्ट को मुद्दा बनाकर चुनावी मैदान में भी उतर सकते हैं जिसके लिए पहले ही वो ” अखण्ड भारत ” नामक संगठन बना चुके हैं । खैर इन सभी बातों का सत्तादल भाजपा व विपक्षी दल कांग्रेस के ऊपर कितना प्रभाव पड़ेगा ये समय ही बताएगा ।
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