आर्थिक आरक्षण के खिलाफ कोर्ट पहुंची DMK, कहा “ये SC-ST के खिलाफ है”

मद्रास (चेन्नई) : केंद्र की मोदी सरकार के ऊंची जाति के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के निर्णय के खिलाफ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) ने मद्रास हाई कोर्ट में रिट याचिका दाखिल किया है |

इस याचिका में डीएमके ने केंद्र द्वारा सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने को एससी-एसटी के खिलाफ बताया है. यह याचिका डीएमके पार्टी संगठन के सचिव आरएस भारती ने फाइल किया है |

याचिका के माध्यम से यह कहा गया है कि केंद्र द्वारा बनाया गया यह कानून संविधान द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ है. 22 पन्नों के इस याचिका में डीएमके ने 19 प्वॉइंट्स में अपनी बात को स्पष्ट किया है.

आरक्षण बिल पर संसद में वोटिंग से पहले ही डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने आरक्षण बिल को सिरे से खारिज किया था |

यही नहीं, संसद में भी डीएमके सांसद एम के कनिमोझी ने मुखर रूप से इस बिल का विरोध किया था और वोटिंग के दौरान सदन से वॉक आउट कर गईं थीं |

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