चेन्नई- विधानसभा में अपने भाषण के दौरान भीमराव अंबेडकर का नाम न लेने पर सत्ताधारी पार्टी डीएमके के नेता व प्रवक्ता शिवाजी कृष्णमूर्ति ने तमिलनाडु के राज्यपाल रविन्द्र नारायण रवि को गोली से मरवाने की धमकी दी है, जिसके बाद राजनैतिक दवाब के चलते डीएमके प्रवक्ता शिवाजी कृष्णमूर्ति को पार्टी ने अस्थायी रूप से निष्कासित कर दिया हैं।
जानिए क्या है मामला?
आपको बता दे कि बीते दिनों 9 जनवरी को विधानसभा सत्र के दौरान राज्यपाल रविन्द्र नारायण रवि का भाषण कार्यक्रम था, जिसका प्रारूप वर्तमान राज्य सरकार के द्वारा तैयार किया गया था। लेकिन राज्यपाल आर एन रवि ने अपने भाषण के दौरान कुछ हिस्सों को जिसमें अंबेडकर का जिक्र था, उसे छोड़ दिया और स्वयं की तरफ से कुछ अन्य बातों को जोड़ दिया। जिसके बाद से ही उनके खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन चल रहा हैं।
इसी बीच सत्ताधारी पार्टी डीएमके के नेता शिवाजी कृष्णमूर्ति ने राज्यपाल को धमकी देते हुए कहा कि आप कश्मीर चले जाईये और हम वहां एक आतंकवादी भेजेंगे, जो आपको गोली मार हत्या कर देगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हम गवर्नर को कुछ न कहें, लेकिन मेरा मानना है कि अगर गवर्नर ने ठीक से स्पीच पढ़ी होती तो मैं उनके चरणों में फूल रखता और दोनों हाथ जोड़कर उन्हें धन्यवाद कहता। लेकिन अगर तमिलनाडु में कोई व्यक्ति अंबेडकर का नाम लेने से मना करता है, तो क्या मुझे ये अधिकार नहीं है कि मैं उसे चप्पल से मारू।
धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज
वहीं इस पूरे मामले में राज्यपाल को मारने की धमकी देने वाले डीएमके के प्रवक्ता शिवाजी कृष्णमूर्ति के खिलाफ गवर्नर ऑफिस ने चेन्नई पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कराया है, जबकि बीजेपी और अन्य विपक्षी दलों के विरोध के बाद डीएमके ने शिवाजी कृष्णमूर्ति को अस्थायी रूप से पार्टी से सस्पेंड कर दिया हैं।
डीएमके नेता के इस बयान के बाद भाजपा ने भी सत्ताधारी पार्टी डीएमके पर जोरदार हमला बोला है और डीएमके नेता शिवाजी कृष्णमूर्ति को गिरफ्तार करने की मांग की है, इतना ही नहीं उनके बयान को ध्यान में रखते हुए आतंकियों के साथ लिंक होने की आशंका जताते हुए जांच की मांग की हैं।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.