नई दिल्ली: ईडी ने मोहम्मद उमर गौतम, उसके सहयोगी मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी और अन्य द्वारा जबरन धर्म परिवर्तन मामले में दिल्ली और उत्तर प्रदेश में स्थित 6 परिसरों की तलाशी ली है।
धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत प्रवर्तन निदेशालय ने आज दिल्ली और यूपी में स्थित 6 परिसरों पर तलाशी ली है। प्रेस रिलीज में कहा कि ईडी ने एटीएस, यूपी द्वारा जबरन धर्म परिवर्तन मामले में भारतीय दंड संहिता के प्रावधान के तहत दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की।
उक्त प्राथमिकी में मो. उमर गौतम, उनके सहयोगी मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी और अन्य पर वित्तीय सहायता के बदले लोगों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए लुभाने का आरोप लगाया गया था।
इस सिलसिले में आज ईडी ने दिल्ली (3) और यूपी (3) में 6 परिसरों पर छापेमारी की। जिन परिसरों की तलाशी ली गई उनमें इस्लामिक दावा सेंटर (आईडीसी) का कार्यालय, मुख्य आरोपी मोहम्मद का घर शामिल है। उमर गौतम और उसके सहयोगी मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी, सभी दिल्ली के जामिया नगर में स्थित हैं।
लखनऊ और संत कबीर नगर स्थित अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन और गाइडेंस एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी के कार्यालयों की भी तलाशी ली गई है। उमर गौतम इन संगठनों से जुड़ा रहा है और अवैध धर्मांतरण को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।
तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जो पूरे भारत में आरोपी उमर गौतम और उसके संगठनों द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर धर्मांतरण का खुलासा करते हैं। दस्तावेजों में अवैध धर्मांतरण के उद्देश्य से इन संगठनों द्वारा कई करोड़ रुपये के विदेशी धन प्राप्त करने का भी खुलासा हुआ है। आगे की जांच जारी है।