चार्ली हेब्दो के पूर्व दफ्तर का हमलावर इमरान खान व पाकिस्तानी मौलानाओं के वीडियो से प्रेरित था: रिपोर्ट

पेरिस: पाकिस्तानी व्यक्ति जिसने पिछले 25 सितंबर 2020 को फ्रांस में चार्ली हेब्दो पत्रिका के पूर्व कार्यालयों पर हमला किया था वह अपने देश के मौलानाओं व प्रधानमंत्री इमरान खान के वीडियो से कट्टरपंथी बना था।

दरअसल बुधवार को फ्रेंच समाचार पत्र Le Parisien द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार हमलावर ने पुलिस को बताया कि वह अपने देश पाकिस्तान में मौलानाओं और उस समय फ्रांस विरोधी प्रदर्शनों के वीडियो द्वारा कट्टरपंथी हुआ था।

26 वर्षीय हमलावर ने अपने चाकू के हमले के लिए यूट्यूब और चरमपंथी प्रचारकों को फ्रांस और चार्ली हेब्दो की निंदा करते हुए देखा था। ज़हीर हसन महमूद ने जांचकर्ताओं को बताया “मैं खा नहीं सकता था। मैं वीडियो देखकर रो रहा था,”
घटना के सप्ताह भर पहले, पत्रिका ने पैगंबर मोहम्मद (pbuh) के कार्टून को फिर से प्रकाशित किया था।

पेपर के मुताबिक महमूद ने कहा कि उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि पत्रिका ने 2015 के हमले के बाद दफ्तरों को स्थानांतरित कर दिया था और जिन दो लोगों को उसने चाकू मारे था उन्हें वो पत्रिका के कर्मचारी समझा। घटना के दोनों पीड़ितों का चार्ली हेब्दो के साथ एक कोई सम्बन्ध नहीं था वो टीवी प्रोडक्शन कंपनी के लिए काम करते थे और हमले में उन्होंने गंभीर चोटों का सामना किया था।

हमलावर महमूद, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कोथली क़ाज़ी के गाँव से था और फर्जी कागजात के साथ फ्रांस आया था, जिसमें उसे एक नाबालिग के रूप में दिखाया गया था और इसी कारण वह शरण लेने का दावा कर सका।

इस्लामिक समूहों ने चार्ली हेब्दो और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन के खिलाफ सितंबर में पाकिस्तान में प्रदर्शन आयोजित किए। महमूद ने इस्लामिक तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) पार्टी के दिवंगत संस्थापक खादिम हुसैन रिजवी और अन्य कट्टरपंथी प्रचारकों के वीडियो देखे। वह प्रधानमंत्री इमरान खान से भी प्रभावित था, जिन्होंने मैक्रॉन पर “इस्लाम पर हमला करने” का आरोप लगाया था।

महमूद ने कहा कि उसने शुरू में लोगों पर हमला करने के बजाय कार्यालय की इमारत को नुकसान पहुंचाने का इरादा किया था।जांचकर्ताओं को एक वीडियो मिला है जो उसने अपने हमले से एक दिन पहले अपने एक दोस्त को भेजा था, जो ईशनिंदा करने वालों का कत्ल करने को कहता था, और उसे उसी दिन ग्रीस से एक कॉल आया, जो एक पूर्वनिर्धारित हमले का उल्लेख करता था। उस पर “एक आतंकवादी कार्य के संबंध में हत्या के प्रयास” के आरोप लगाए गए हैं।

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