मुंबई: पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के विरोध में मीडिया संस्थान से जुड़े संगठन औऱ मीडिया हाउस भी उतर आए हैं।
2018 के एक मामले में आज पत्रकार अर्नब गोस्वामी को मुंबई पुलिस ने उनके मुम्बई आवास से गिरफ्तार कर लिया है। जिसका आज पूरे देश में विरोध शुरू हो गया है। इस विरोध में मीडिया से जुड़े संस्थान भी हैं।
आजतक ने जताया विरोध:
अर्नब मामले पर आजतक ने भी शासन प्रशासन की शक्ति का दुरुपयोग करार दिया है। चैनल ने कहा कि रिपब्लिक मीडिया समूह के एडिटर इन चीफ़ अर्नब गोस्वामी को रायगढ़ पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार किया है । आनन-फ़ानन में हुई गिरफ़्तारी से ये मामला राज्य की शक्तियों के दुरुपयोग का प्रतीत होता है। हम इसकी निंदा करते हैं।
डिजिटल मीडिया समूह की रिहाई की माँग:
उधर डिजिटल मीडिया के समूह IDMA ने बयान जारी कर माँग की है कि अर्णब गोस्वामी को तुरंत रिहा किया जाए और राज्य सरकार भारत की जनता को स्पष्टीकरण दे कि नागरिकों के अधिकारों का इस तरह से क्यों हनन किया जा रहा है।
जी न्यूज ने निंदा की:
जी न्यूज के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी ने कहा कि “आप जो कहते हैं, मैं उससे सहमत नहीं हो सकता, लेकिन मैं मौत का बचाव करूंगा, यह कहने का आपका अधिकार है।” वोल्टेयर के प्रसिद्ध शब्दों को पत्रकारों का मार्गदर्शन करना चाहिए। स्टेट ओवररीच खतरनाक है। मुक्त भाषण के लिए खड़े हों जय हिन्द!”
इंडिया टीवी, ट्रायल से सहमत नहीं पर:
इंडिया टीवी के चेयरमैन रजत शर्मा ने कहा कि “अर्नब की अचानक गिरफ्तारी की निंदा करता हूं। हालांकि मैं स्टूडियो ट्रायल की उनकी शैली से सहमत नहीं हूं, पर पत्रकार को परेशान करने के लिए राज्य की शक्ति के दुरुपयोग को भी स्वीकार नहीं करता। एक मीडिया एडिटर से इस तरह से व्यवहार नहीं किया जा सकता है।”
अगला कौन: टाइम्स नाऊ
टाइम्स नाउ के एडिटर इन चीफ राहुल शिवशंकर ने कहा कि “उससे सहमत हों या उससे असहमत हों लेकिन अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी एक लाइन को पार कर जाती है। कई पूछ रहे हैं कि अगला कौन है? मुझे कम से कम 2 मौकों की याद है जब पुलिस ने मुझे प्रेरित आरोपों में गिरफ्तार करने के लिए दिखाया था। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सर्वोच्च है। आत्मनिरीक्षण करें।”
एडिटर्स गिल्ड ने निंदा की:
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने बुधवार को रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी की ‘अचानक’ गिरफ्तारी की निंदा की और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मांग की कि गोस्वामी के साथ निष्पक्ष व्यवहार किया जाए और मीडिया की आलोचनात्मक रिपोर्टिंग के खिलाफ सरकारी ताकत का इस्तेमाल नहीं किया जाए।