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यह खबर नहीं, यूपी पुलिस द्वारा पीड़ित को मानसिक रोगी बना देने तक की कहानी है

उन्नाव: जिले के गंगा घाट थाने के अंतर्गत आने वाले शुक्लागंज क्षेत्र के प्रेमनगर के वार्ड नंबर 14 के सभासद फुरकान खान को चुनाव में सपोर्ट न करना एक युवक के लिए मुसीबत का सबक बन गया। आरोप है कि फुरकान ने बदला लेने के लिए पीड़ित युवक को गंगाघाट पुलिस की मदद से फर्जी सट्टेबाजी के केस में फंसा दिया।

विवेक कुमार पुत्र सदासुख सविता प्रेमनगर नगर पंचायत में इलेक्ट्रॉनिक (रिपेयरिंग) की दुकान चलाते हैं। जब प्रेमनगर नगर पंचायत ना हो कर ग्राम पंचायत हुआ करता था उस समय पीड़ित विवेक ने बीटीसी का चुनाव लड़ा था। जिसके बाद विवेक की माता श्रीमती कमला देवी सदस्य के लिए चुनाव लड़ी थी और लगभग 350 मतों से विजयी हुई थी। उसी के 1 साल बाद सन 2016 में प्रेमनगर नगर पंचायत घोषित हो गई। आरोप है कि उस समय आरोपी फुरकान खान सभासद के चुनाव के लिए खड़ा हुआ और जीतने के लिए विवेक कुमार से पक्ष में वोट दिलाने के लिए दबाव बनाया। तत्पश्चात विवेक कुमार ने फुरकान को समर्थन देने से मन करते हुए दूसरे पक्ष से लड़ रहे आशीष त्रिवेदी को समर्थन दे दिया।हालाँकि कथित आरोपी फुरकान खान 70 वोट से विजयी हुआ।

जीतने के बाद फुरकान खान ने विवेक को देख लेने की धमकी दी। उसी क्रम में बीच-बीच में पुलिस वाले फुरकान के कहने पर विवेक की दुकान पर आते रहते थे और थाने में बल्ब लगाने और अन्य इलेक्ट्रिक सामान लगाने की बात कह कर बिना पैसे दिए सामान मांगते थे लेकिन विवेक बिना पैसे के सामान देने से मना कर देता था। उसी क्रम में 29 अप्रैल 2018 को 8 बजकर 20मिनट रात्रि में अचानक गंगाघाट पुलीस दुकान पर छापा मारती हैं। विवेक के लाख कारण पूछने पर पुलिस कुछ भी बताने से मन कर देती है।

विवेक के अनुसार पुलिस कर्मी उसे मारते हुए जीप में बैठा लेते है। उस समय दुकान पर दो ग्राहक भी खड़े थे जिनका नाम क्रमशः विक्की गौतम और धनेंद्र है। चेक करने के बाद जब पुलिस को कुछ नहीं मिला तो दुकान की गुल्लक में पड़े ₹60,000 निकाल लिए और गुल्लक को जीप में रख लिया और विवेक की पैंट की जेब मे 46 हजार रूपए बरामद हुआ दिखा दिया जबकि उस समय विवेक टी शर्ट और बरमूडा पहने हुए था जिसमे एक भी जेब नहीं थी।

उसके बाद दोनों ग्राहकों को भी जीप मे बैठा दिया और उसके बाद भी दुकान में तलाशी को जारी रखा। जीप मे बैठे पुलिसकर्मी विवेक को ये कहकर थप्पड़ मारने लगे कि सट्टा खिलाते हो। वहीं विवेक के लाख मना करने पर पुलिस कर्मी उसके साथ गली गलोच करते रहे। पीड़ित के अनुसार पुलिस कर्मियों ने छोड़ने के एवज में अपने अनुसार कागज पर उनसे लिखवाकर अटेस्ट करा लिया। पुलिसवालों ने एक पेपर पर अपने मनचाहे तरीके से जगह – जगह कालम मे पैसे और नाम जबरदस्ती विवेक से लिखवाए और विक्की नाम के ग्राहक से भी जबरन लिखवा लिया।

लिखवाने के बाद जब पीड़ित विवेक ने बोला कि अब तो छोड़ दो साहब तो पुलिस कर्मियों ने उसे थाने ले जाकर उसे थाने ले जाकर बैठा दिया। उसी रात 2 बजे के लगभग में फुरकान खान भी थाने पहुंचा जब पीड़ित भोजन करने लगे थाने में ही तो फुरकान बोला घबराओ नहीं तुम लोग छूट जाओगे। लेकिन सुबह 6 बजे दोनों को बंदीगृह मे ये कहकर डाल दिया गया कि कोई बड़े अधिकारी आ रहे हैं। फिर फुरकान तीनों पीड़ितो के घरवालों को लेकर थाने पहुंच गया करीब 9 बजे पीड़ितों के परिजनों ने आधार कार्ड और साइन करें, पीड़ित के मोबाइल और आईडी रखकर मुकदमा लिखकर इन्हें रिहा कर दिया गया। पर पीड़ितों के परिजनों को नहीं बताया गया कि मुकदमा लिखा गया है फिर फुरकान ने विवेक से 20,000 रूपए थाने से छुड़ाने के लिए मांगने लगा। जब विवेक ने बोला कि मेरे पास पैसे नहीं है तो बोला कि फिर नहीं छूट पाओगे।अंत विवेक और उनके पिताजी डर के मारे विवेक ने अपने दोस्त आशीष कश्यप से पैसे मांगकर फुरकान को दिए तब जाकर इन्हें रिहा किया गया।

वहीं विवेक पर सट्टा का मुकदमा संख्या 236/19 धारा 13G भी कथित तौर पर फुरकान ने पुलिसवालों से मिलकर लगवा दिया। फिर भी विवेक को परेशान करने के लिए एक हफ्ते बाद जांच करने के नाम पर विवेक की दुकान पर आए रामनरेश एसआई आते ही गाली गलौज करने लगा फिर रामनरेश एसआई ने कहा तुम पर गैंगस्टर गुंडा एक्ट लगा हुआ है विवेक ने कहा नहीं सर हमने ऐसा कोई कार्य नहीं किया है तो रामनरेश बोला ₹6000 लगेंगे हम सब ठीक कर देंगे। विवेक ने पिताजी से ₹5000 लेकर दे दिए और कहा सर हमारे पास इतने ही हैं रामनरेश ने कहा ठीक है हम तुम्हारा गुंडा एक्ट गैंगस्टर हटा देंगे और दुकान से चला गया फिर भी बीच-बीच में रामनरेश दुकान और घर आते रहे और रुपयों के लिए पर विवेक कुमार हर बार अपनी स्थिति बताते हुए मना कर देता था। 14 मई 2018 को सुबह करीब 8 बजे रामनरेश एसआई घर आए और धमकियां देने लगे अगर पैसे नहीं दिए तो लंबे से जाओगे। उसी दिन 12:00 बजे फुरकान खान विवेक के घर पहुंचा और धमकियां देने लगा तुम हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे ज्यादा करा तो कहीं ना कहीं ठिकाने लगा दिए जाओगे फिर भी फुरकान खान नहीं माना।

लॉकडाउन के दौरान 5 मई 2020 को रात्रि में 8:30 पर मुस्लिम लड़कों को भेजकर विवेक कुमार के घर पर बेचकर ईट से हमला करवा दिया। जिसकी शिकायत लोकल थाने में लिखित तौर पर की गई पर लोकल पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया।

Case registered by Vivek

साथ ही पकड़े गए लड़कों को पुलिस ने छोड़ दिया। पीड़ित के अनुसार फुरकान खान की बार बार शिकायत करने से लोकल पुलिस ने विवेक कुमार पर प्रांगण में शांति व्यवस्था भांग करने के लिए विवेक कुमार पर धारा 107/116 लगा दी।
पीड़ित फुरकान खान और झुठे मुकदमे के खिलाफ हर जगह गुहार लगाकर थक चुका है लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

इससे सबसे व्यथित होकर पीड़ित विवेक मानसिक रोगी हो चुका है जिसका इलाज कानपुर हैलट के डाक्टर द्वारा चल रहा है।

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Vinay covers crime for Falana Dikhana.

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