मुंबई: महाराष्ट्र में सिर्फ 5 महीनों में ही एक हजार से ज्यादा किसानों की आत्महत्या (Farmers’ Suicide) की घटनाएं घटित हुई हैं।
राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन नियमित रूप से ऋण का भुगतान करने वाले किसानों को 50,000 रुपये का अनुग्रह अनुदान देने के संबंध में विधानमंडल में चर्चा हुई।
इसी बीच कांग्रेस सदस्य कुणाल पाटिल द्वारा राज्य में किसानों को आत्महत्या करने से रोकने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार ने बताया कि महाराष्ट्र में 5 महीने (जून से अक्टूबर 2021 तक) में 1076 किसानों ने आत्महत्या की है।
मंत्री ने यह भी कहा कि किसानों की आत्महत्या दर्दनाक है। यदि कोई किसान कृषि उपज के नुकसान या कर्ज के कारण से आत्महत्या करता है, तो उसके परिवार को कम से कम 4 लाख रुपये राज्य सरकार की और से मिले इसके लिये प्रयास करुंगा।
उन्होंने आगे कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के मौजूदा नियमों के मुताबिक आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को एक लाख रुपये की सहायता दी जाती है लेकिन यह राशि नाकाफी है। इसलिए, आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को 4 लाख रुपये की सहायता प्रदान करने की योजना है।
उन्होंने कहा कि किसानों के कृषि उपज को एमएसपी के समान मूल्य मिले, यह सुनिश्चित करने के लिये राज्य सरकार के प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि तेलंगाना मॉडल के मुताबिक, राज्य सरकार महाराष्ट्र में किसानों को बीज खरीदने के लिए 10,000 रुपये का बोनस देने की भी योजना बना रही है।
अंत में उन्होंने कहा कि गट खेती के लिए अतिशीघ्र अनुदान देने की मांग कृषी मंत्री से की जाएगी। महाविकास अघाड़ी सरकार, राज्य में कृषि उद्योग को मजबूत करने के लिए “बालासाहेब ठाकरे स्मार्ट” योजना और अधिक प्रभावी ढंग से लागू करेगी।