नई दिल्ली: सरकार ने संसद में जानकारी देते हुए बताया कि 2021-22 में 1984 के सिक्ख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों के परिजनों को बढ़े हुए मुआवजे के भुगतान के लिए 4.5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
लोकसभा सांसद संतोष पांडेय द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि केंद्र सरकार ने 1984 के सिक्ख विरोधी दंगों के पीड़ितों को राहत प्रदान करने के लिए एक पुनर्वास पैकेज की शुरुआत की थी। इस योजना में मृत्यु के प्रत्येक मामले के लिए 3.5 लाख रुपए और घायल होने के मामले में 1.25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान शामिल था।
इस योजना में राज्य सरकारों के लिए मृत्यु पीड़ितों की विधवाओं और वृद्ध माता – पिता को 2500 / – रु. प्रतिमाह की एक समान दर पर जीवन भर के लिए पेंशन देने का प्रावधान भी शामिल था।
पेंशन भुगतान पर होने वाला खर्च राज्य सरकार को वहन करना था। 2014 में, भारत सरकार ने प्रत्येक मृतक व्यक्ति, जिसकी मृत्यु 1984 के सिक्ख विरोधी दंगों में हुई थी, के लिए 5 लाख रुपये की बढ़ी हुई राहत प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू की।
मंत्री ने आगे बताया कि केंद्रीय बजट – 2021-22 में, 1984 के सिक्ख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों के परिजनों को बढ़े हुए मुआवजे के भुगतान के लिए 4.5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बढ़ी हुई अनुग्रह राशि के भुगतान के लिए, राज्य / संघ राज्य क्षेत्र अपनी स्वयं की निधि से धन का संवितरण करेंगे और गृह मंत्रालय उपयोग प्रमाण – पत्र की प्राप्ति पर संबंधित राज्य / संघ राज्य क्षेत्र सरकार को उस राशि की प्रतिपूर्ति करेगा।
अंत में उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने सूचित किया है कि राज्य में 11 पीड़ित हैं, और जिलेवार विवरण हैं – बिलासपुर -01, राजनंदगांव -02 दुर्ग -01, महासमुंद -01
, सरगुजा -04, रायपुर -01 जांजगीर और चंपा -01 राज्य में 3500 / – रु. प्रति माह की दर से राहत / पेंशन का भुगतान करने का प्रावधान।