‘भारत चीन को जवाब दिया है, दुनिया को चीन को जवाब देने के लिए साथ आना चाहिए’- अमेरिका

वाशिंगटन (US) : अमेरिका नें भारत की तारीफ कर दुनिया से चीन को जवाब देने की वकालत की है।

भारत व चीन के बीच सीमा विवाद के बाद दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति अमेरिका ने भी चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भारत के बाद अमेरिका भी टिकटोक सहित चीनी ऐप्स को प्रतिबंधित करने की घोषणा कर दिया है।

अब अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पाम्पियो नें चीन को चेतावनी देते हुए भारत की ओर समर्थन जताया है। अमरीकी विदेश मंत्री नें बयान में कहा कि “मैंने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ इस बारे में कई बार बात की है। चीनी ने अविश्वसनीय रूप से आक्रामक कार्रवाई की और भारतीयों ने इसका जवाब देने की पूरी कोशिश की।”

माइक पोम्पेओ, नें चीन को नसीहत देने के लिए कहा कि “भारत-चीन सीमा तनाव पर अमेरिकी विदेश मंत्री ऐसे कई पड़ोसी नहीं हैं जो संतोषजनक रूप से कह सकते हैं कि वे जानते हैं कि उनकी संप्रभुता समाप्त होती है और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी इसका सम्मान करेगी।”

आगे विदेश मंत्री नें भूटान मुद्दे का उदाहरण देते हुए चीन की विस्तारवादी नीति को दुनिया से विरोध के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि “भूटान के लोगों के लिए यह निश्चित रूप से सच है। दुनिया को इसका जवाब देने के लिए एक साथ आना चाहिए।”

भारत के समर्थन में चीन को अमेरिका की दहाड़: 

भारत चीन सीमा पर गलवान घाटी में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत से पूरा देश उबल रहा है। इसी बीच दुनिया की महाशक्ति कहे जाने वाले अमेरिका ने भी भारत की ओर रुख किया है।

अमेरिका के स्टेट सेक्रेटरी माइक पाम्पियो नें चीन के साथ हालिया टकराव के परिणामस्वरूप शहीद हुए सैनिकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। सेक्रेटरी नें संवेदना संदेश में कहा कि “हम सैनिकों के परिवारों, प्रियजनों और समुदायों को याद करेंगे क्योंकि वे दुःखी हैं।”

वहीं भारत में अमेरिका के राजदूत केन जस्टर नें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों को दोहराते हुए बहादुरी को न भुलाने की बात कही है।

अमरीकी राजदूत जस्टर नें भी शहीदों के परिवारों को सांत्वना दी।उन्होंने कहा कि “भारत में अमेरिकी मिशन गालवान में शहीद सैनिकों के परिवारों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है। उनकी बहादुरी और साहस को भुलाया नहीं जा सकेगा।”

बता दें कि अमेरिका के अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी भारत चीन सीमा विवाद को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। UN के महासचिव एंटोनियो गुट्रेस नें दोनों देशों के बीच स्थिति को करीब से देखने की बात भी कही है।


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