मुंबई: निर्मला सीतारमण द्वारा किये गए कॉर्पोरेट टैक्स रेट कट व लॉक डाउन के दौरान आये भारी निवेश के बाद भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बहुत बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली है।
जिसके बाद देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 500 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर को पार कर गया है। पिछले हफ्ते हुई $8.2 बिलियन की भारी बढ़त के बाद कुल $501.7 बिलियन के साथ भारत विश्व में विदेशी मुद्रा भंडार रखने के मामले में तीसरे पायदान पर आ गया है। भारत से आगे दूसरे पायदान पर जापान व पहले पर चीन काबिज है।
आपको बता दे कि जबसे लॉक डाउन की शुरुआत मार्च माह से हुई है तब से अभी तक मुद्रा भंडार में $31.8 बिलियन का उछाल देखने को मिला है जो अपने आप में बड़ी उपलब्धि है।
मंदी के दौर में भी क्यों बढ़ा भारत का खजाना
जहां एक ओर दुनिया के सभी देश मंदी की ओर बढ़ रहे है या यु कहे उसमे घिर चुके है तो ऐसे दौर में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ क्यों रहा है। इसके मुख्यतः दो कारण है।
एक फॉरेन पोर्टफोलियो इंवेस्टमेंट्स व दूसरा फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट्स (FDIs) में आया भारी निवेश। बीते माह भी कई प्रमुख दिग्गज कंपनियों ने भारत में निवेश की घोषणा व निवेश भी किया था जिसके कारण पिछले मार्च में $4 बिलियन का निवेश भारत में आया था।
वहीं अप्रैल में यह निवेश महज $2.1 डॉलर था। साथ ही अभी विदेशी मुद्रा भंडार के आगे और बढ़ने के अंदेशे जताये जा रहे है। इसमें सबसे बड़ा योगदान अम्बानी की रिलायंस जिओ का है जिसने कुल 97,000 करोड़ रूपए का विदेशी निवेश लॉक डाउन में ही जुटा लिया है।
वहीं दूसरी तरफ वैश्विक बाजार में गिरे तेल के दामों ने भी फॉरेन करेंसी को बचाने में खूब योगदान दिया है। जानकारों के मुताबिक बीते तीन माह में विदेशो से भारतीयों द्वारा भेजे जाने वाले पैसे में भी कमी आई है जिससे इतना बड़ा उछाल देखने को मिला है।
भारत का फॉरेन रिज़र्व पाकिस्तान की कुल इकॉनमी से भी कही अधिक है। इस समय पाकिस्तान की इकॉनमी करीब $273 बिलियन डॉलर है तो वहीं भारत का विदेशी मुद्रा भंडार ही $501.7 डॉलर हो गया है।
Donate to Falana DIkhana: यह न्यूज़ पोर्टल दिल्ली विश्विद्यालय के मीडिया छात्र अपनी ‘पॉकेट मनी’ से चला रहे है। जहां बड़े बड़े विश्विद्यालयों के छात्र वामपंथी विचारधारा के समर्थक बनते जा रहे है तो वही हमारा पोर्टल ‘राष्ट्रवाद’ को सशक्त करता है। वही दिल्ली विश्विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ रहे हमारे युवा एडिटर्स देश में घट रही असामाजिक ताकतों के खिलाफ लेख लिखने से पीछे नहीं हटते बस हमें आशा है तो आपके छोटे से सहयोग की। यदि आप भी हम छात्रों को मजबूती देना चाहते है तो कम से कम 1 रूपए का सहयोग अवश्य करे। Paytm, PhonePe, Bhim UPI, Jio Money, व अन्य किसी वॉलेट से से डोनेट करने के लिए PAY NOW को दबाने के बाद अमाउंट व मोबाइल नंबर डाले फिर ‘Other’ में जाकर वॉलेट ऑप्शन चूज करे। सादर धन्यवाद, ‘जयतु भारतम’
Why Sharma Shubham is writing this piece?
Shubham Sharma is an author at Asia Times. He is a Delhi based journalist mostly reports on foreign affairs and international relations. He has also been worked for the Courier International(A Paris based popular french media organization), Modern Diplomacy( EU based foreign affairs weekly magazine), Foreign Policy Times and Jihad Watch(US-based think tank). Follow him on twitter @ShubhamSharm11