पुनः SC-ST एक्ट बदलने से सवर्णों में असुरक्षा की भावना बढ़ी है: पूर्वमंत्री कलराज मिश्र

नईदिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र नें एट्रोसिटी को सवर्णों के लिए डर का विषय बताया था !

एक बार फ़िर इसी हफ़्ते जब केंद्र सरकार की याचिका की दलील पर सुप्रीम कोर्ट नें एट्रोसिटी एक्ट के 20 मार्च 2018 वाले ख़ुद के फ़ैसले को ही वापस ले लिया है तो इसका विरोध भी सवर्ण समाज के लोग सोशल मीडिया पर करने लगे हैं ।

एक वेरिफाइड ट्विटर यूजर व सोशल मीडिया विश्लेषक अनुज बाजपेयी लिखते हैं, “भारत में रेप पीड़िता को सबूत देना पड़ता है, लेकिन एससी_एसटी एक्ट में केवल मुँह खोलना ही सबूत है। धिक्कार है ऐसे संविधान पर।”

ऐसी ही बात एक दूसरे वेरिफाइड ट्विटर यूजर अतुल कुशवाहा भी लिखते हैं।

यहाँ तक कि BJP को MP के नोटा की याद दिलाने लगे हैं।

और पूछ रहें हैं कि BJP का कोई नेता सवर्णों के लिए एक शब्द भी क्यों नहीं बोलता !

Social media against atrocity act misuse
हालांकि सोशल मीडिया पर ये विरोध भले ही हो लेकिन एट्रोसिटी एक्ट में अध्यादेश लाकर संसद में पलटने के बाद सवर्ण समाज सड़कों पर उतरा उसमें BJP के कुछ दिग्गज नेताओं नें समाज की चिंता
की है। पूर्व मंत्री कलराज मिश्रा वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल बन चुके हैं उन्होंने कहा था कि SC/ST एक्ट का दुरूपयोग किया जा रहा जिससे स्वर्ण समाज में भयंकर रोष है।
कलराज मिश्रा ने कहा था कि जब एक बार फिर से SC/ST क़ानून में बदलाव किया है, उसके बाद से सवर्ण समाज में असुरक्षा की भावना बढ़ी है। उनका कहना था कि SC/ST एक्ट का दुरूपयोग सवर्ण समाज के ख़िलाफ़ किया जा रहा है।
उन्होंने कहा था कि “सवर्ण समाज में फर्जी तरीके से पूरे परिवारों को इस एक्ट में फंसाया जा रहा है, पुलिस भी दबाव में काम कर रही है जिससे सवर्ण समाज अपने आप को असंतुष्ट और असुरक्षित महसूस कर रहा है। इसलिए अब SC/ST एक्ट के विरोध में सवर्ण समाज विरोध प्रदर्शन कर रहा है।  सवर्ण समाज सड़कों पर उतर रहा है जो बिल्कुल ठीक नहीं है।”
“मेरी मांग है इस तरह की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए इस एक्ट में पुनर्विचार किए जाने की जरूरत है, नहीं तो ये समस्या बढ़ेगी जो आंदोलन का रूप भी ले सकती है।

आपको बता दें कि एट्रोसिटी एक्ट में संसद में अध्यादेश लाकर पलटने के बाद कलराज मिश्र नें कहा था कि एक बार फ़िर से सभी को समझ बैठकर इसे पुनर्विचार करने की जरूरत है ।

 

【लेखक : शिवेंद्र तिवारी, फॉलो करें ट्विटर पर @ShivendraDU98

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