लखनऊ: अभी हिन्दू नेता कमलेश तिवारी की बर्बर हत्या को देश भुला भी नहीं था कि उनके साथी राजेश मणि त्रिपाठी ने अपनी जान बचाने को लेकर गुहार लगाई है। हिन्दू समाज पार्टी को बनाने में कमलेश तिवारी के साथ अहम भूमिका निभाने वाले राजेश जी आज प्रशासन की लापरवाही से परेशान है।
फलाना दिखाना को फ़ोन पर हुई बातचीत पर उन्होंने बताया कि उनकी सुरक्षा को लेकर खुद कमलेश तिवारी द्वारा प्रशासन से लेकर अमित शाह तक को पत्र लिखा गया था लेकिन सरकार ने उनकी सुरक्षा में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। वहीं कमलेश जी की सुरक्षा को लेकर भी यूपी सरकार को अवगत कराया गया था लेकिन सरकार ने उनकी हत्या होने तक का इंतजार किया।
हिन्दू समाज पार्टी के महा सचिव राजेश मणि ने बताया कि अपनी सुरक्षा को लेकर वह मार्च माह में हाई कोर्ट तक गए जिसमे कोर्ट ने सुरक्षा देने की बात की थी लेकिन आज तक उनको सुरक्षा नहीं दी गयी है और न ही इस मामले में सरकार द्वारा अवगत कराया गया है।
राजेश मणि ने साथ ही बताया कि जिस प्रकार कमलेश तिवारी के हत्यारो ने फर्जी रोहित सोलंकी के नाम से आईडी बना उनसे मेल जोल बढ़ा उनकी हत्या अशफाक ने कर दी थी ठीक उसी प्रकार उन्होंने भी एक फर्जी आईडी को पकड़ कर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी लेकिन आज तक पुलिस ने कोई कार्यवाई नहीं करी है।
राजेश मणि ने बताया कि अनुज शर्मा के नाम से एक मुस्लिम द्वारा फर्जी आईडी बना कर उनसे मेलजोल बढाकर उनकी दिनचर्या का पता लगाया जा रहा था जिसकी सुचना उनके द्वारा पुलिस को दी गई लेकिन कोई कार्यवाई नहीं की जा रही है।
अपनी स्वयं की सुरक्षा के लिए राइफल व पिस्तौल के लिए दिया था आवेदन लेकिन प्रशासन ने कर दिया खारिज
राजेश मणि त्रिपाठी ने गन लाइसेंस के लिए नवंबर माह 2019 में आवेदन किया गया था जिसको पहले तो सम्बंधित अधिकारी द्वारा संज्ञान में नहीं लिया जा रहा था और जब कोर्ट ने इसको जल्द निपटाने के निर्देश दिए तो प्रशासन ने राजेश मणि त्रिपाठी को आपराधिक प्रवत्ति का बता कर उनका आवेदन निरश्त कर दिया।
आवेदन को निरश्त करने का कारण सिद्धार्थनगर जिलाधिकारी दीपक मीणा द्वारा राजेश जी के ऊपर दर्ज कई मुकदमो को बताया गया है।
वहीं इस विषय पर जब हमने राजेश मणि से बात की तो उन्होंने बताया कि सभी मामलो में वह बाइज्जत बरी हो चुके है बस एक मामला उनके ऊपर उनके गाँव में दर्ज जिसमे उन्हें फर्जी केस दर्ज कराया गया था। लेकिन हाई कोर्ट के आर्डर के मुताबिक लाइसेंस देते समय व्यक्ति के ऊपर दर्ज मामले मायने नहीं रखते है।
आगे राजेश जी ने बताया कि पुलिस अपने मुताबिक रिपोर्ट लगा कर साजिस के तहत उनका लाइसेंस रद्द करवा रही है।
Support our free journalism: यह न्यूज़ पोर्टल दिल्ली विश्विद्यालय के मीडिया छात्र अपनी ‘पॉकेट मनी’ से चला रहे है। जहां बड़े बड़े विश्विद्यालयों के छात्र वामपंथी विचारधारा के समर्थक बनते जा रहे है तो वही हमारा पोर्टल ‘राष्ट्रवाद’ को सशक्त करता है। वही दिल्ली विश्विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ रहे हमारे युवा एडिटर्स देश में घट रही असामाजिक ताकतों के खिलाफ लेख लिखने से पीछे नहीं हटते बस हमें आशा है तो आपके छोटे से सहयोग की। यदि आप भी हम छात्रों को मजबूती देना चाहते है तो कम से कम 1 रूपए का सहयोग अवश्य करे। सादर धन्यवाद, ‘जयतु भारतम’